Advertisement
भोपाल। मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान किये गए वृहद स्तर पर पौधारोपण में हुए कथित घोटाले की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से जांच के लिए वन मंत्री की कोशिश को राज्य शासन ने तगड़ा झटका दे दिया है। दरअसल, वन मंत्री उमंग सिंघार ने मामले की जांच की ईओडब्ल्यू से कराने का एक प्रस्ताव वन विभाग को भेजा था, जिसे विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार के दौरान दो जुलाई 2017 को विशेष अभियान चलाकर एक साथ सात करोड़ पौधे रोपे गए थे, जो एक रिकॉर्ड था, लेकिन पिछले साल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से कांग्रेस की सरकार इस पौधरोपण अभियान में करोड़ों का घोटाला होने की बात कह रहे थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, कम्प्यूटर बाबा समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने पौधरोपण अभियान में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार व वन विभाग के अफसरों पर घोटाला करना का आरोप लगाया था। वहीं, कमलनाथ सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में मामले की जांच कराने की बात भी कही थी। इसी के तहत वन मंत्री उमंग सिंघार ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू के कराने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन शासन ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया।
वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने वन मंत्री के प्रस्ताव को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय को एक नोटशीट भेजी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के खिलाफ पौधरोपण अभियान में घोटाला करने का कोई साक्ष्य नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ जांच की सिफारिश नहीं की जा सकती। पौधारोपण से जुड़े अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि यह निर्णय शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिया गया था, जिसका पालन करना अधिकारियों ने जिम्मेदारी थी।
फिलहाल, मुख्यमंत्री कमलनाथ मनाली में अपने परिवार के साथ जन्मदिन मनाने की तैयारियों में व्यस्त हैं। सोमवार, 18 नवम्बर को उनका जन्मदिन है और वे अपना जन्मदिन परिवार के साथ मनाएंगे। उनके आने के बाद ही इस मामले में आगे क्या होना है, इसका फैसला हो पाएगा। फिलहाल तो यह मामला ठंडे वस्ते में जाता दिख रहा है। अपर मुख्य सचिव वन एपी श्रीवास्तव से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि पौधारोपण मामले में जिस स्तर से निर्णय होना है, फाइल वहां भेज दी है। इसमें विभाग द्वारा क्या क्या तर्क दिये गये हैं, वह बताये नहीं जा सकते।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |