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मध्यप्रदेश में जल स्रोतों पर अतिक्रमण होगा अपराध
जल स्रोतों पर अतिक्रमण होगा अपराध

मध्यप्रदेश के जल स्रोत (नदी, तालाब व अन्य) पर अतिक्रमण अपराध होगा। अतिक्रमण को सख्ती से हटाया जाएगा। पानी पर सबसे पहला अधिकार नागरिकों का है, इसलिए समुदाय को पानी के प्रबंधन और उपयोग का अधिकार देना चाहिए। इसी सोच के साथ हम राइट-टू-वॉटर (पानी का अधिकार) कानून बनाने जा रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को पानी का अधिकार कानून पर विशेषज्ञों की समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कानून का मसौदा जल्द तैयार किया जाए, ताकि इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जा सके।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी पर आम नागरिकों का अधिकार है, इसलिए उस पर अतिक्रमण बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम राइट-टू-वॉटर कानून में अतिक्रमण को अपराध बनाने जा रहे हैं। बड़ी जल संरचनाओं की जगह छोटी जल संरचनाएं बनाना चाहिए। इससे हम लोगों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने अपनी साइबेरिया यात्रा का अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां बड़े पैमाने पर खेती होती है, लेकिन उसकी सिंचाई के लिए कोई बांध नहीं बनाए गए हैं। वहां तालाबों और छोटी-छोटी जल संरचनाओं के माध्यम से सिंचाई होती है। हमें भी इसी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे अनावश्यक विवादों से भी बचा जा सकता है।

 

उल्लेखनीय है कि इस समय सरदार सरोवर बांध के जलभराव को लेकर मध्यप्रदेश और गुजरात के बीच विवाद चल रहा है। इस दौरान मुख्य सचिव एसआर मोहंती, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास गौरी सिंह, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संजय शुक्ला, विशेषज्ञ समिति के सदस्य डॉ. हिमांशु कुलकर्णी, पीएस विजय शंकर, सचिन ओझा, लिबी जॉनसन, डॉ. फिलिप कुलेट, डॉ. सुंदर राजन कृष्णन, जितेंद्र अग्रवाल, डॉ. आरके नेमा और डॉ. डीके पहलवान मौजूद थे।

कमलनाथ की वजह से अरावली पर्वत सुरक्षित : सिंह

 

मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित राजेंद्र सिंह ने कहा कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैला अरावली पर्वत आज सुरक्षित है तो इसका श्रेय मुख्यमंत्री कमलनाथ को जाता है। सात मई 1992 को अरावली पर्वत में हो रहे अवैध उत्खनन, अतिक्रमण को लेकर जब वे तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कमलनाथ से मिले थे तो उन्होंने इसे बचाने के लिए जो अधिसूचना जारी कर थी, उसकी वजह से यह सुरक्षित हैं। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गंगा सद्भावना यात्रा पर जारी श्वेतपत्र पुस्तिका का विमोचन भी किया। श्वेत पत्र प्रो. जीडी अग्रवाल और राजेंद्र सिंह ने तैयार किया है।

Kolar News 18 September 2019

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