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मध्यप्रदेश में मिलावटखोरों और दूषित खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ खाद्य और औषधी विभाग की कार्रवाई अब और तेज हो गई है। नरसिंहपुर में दूषित पदार्थ से गुड बनाने वाले दो अवैध भट्टों पर कार्रवाइ की गई। इनके दो संचालकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई और जेल भेज दिया गया। उधर मुरैना में खतरनाक एसेंस से सरसों का तेल बनाते एक आइल मिल पर कार्रवाई की गई। इंदौर में भी विभिन्न स्थानों से लिए गए दूध के 65 सैंपल में से 40 फेल पाए गए।
मुरैना : खतरनाक एसेंस मिला बना रहे थे सरसों का तेल
मुरैना में खाद्य सुरक्षा विभाग ने सोयाडिगम व राइस ब्रान तेल से सरसों का नकली तेल बनाने वाला एसेंस पकड़ा है। एसेंस का रासायनिक नाम एलिल आइसोथायोसाइनेट है। इस एसेंस को किसी भी तेल में मिलाने पर वह कच्ची घानी के तेल जैसी खुशबू व झाग देता है। यह एसेंस पवन ऑयल मिल से सोमवार को जब्त किया गया था। अब आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अवनीश गुप्ता ने कहा, एसेंस को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। पवन ऑयल मिल को सील कर दिया गया है।
इंदौर: दूध-दही, पनीर के 65 सैंपलों की आई रिपोर्ट, 40 फेल
खाद्य व औषधि विभाग द्वारा दुकानों से लिए गए दूध-दही, पनीर के 200 सैंपलों में से 65 की रिपोर्ट आ गई है। इनमें 40 सैंपल फेल हो गए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस स्तर पर मिलावटखोरी की जा रही है। जबकि अब भी लगभग 135 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। खाद्य व औषधि विभाग के मुख्य निरीक्षक मनीष स्वामी ने बताया कि टीम ने अभियान के दौरान लगभग 200 सैंपल लिए थे। सैंपल अधिक होने के कारण रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। अधिनियम के तहत प्रावधान है कि जिन दुकानदारों के सैंपल फेल हुए हैं वे इसकी फिर से जांच करवा सकते हैं। इसकी रिपोर्ट उन्हें एक महीने में पेश करनी होगी।
Kolar News
18 September 2019
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