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उज्जैन, भोपाल सहित अन्य संभागों में फसल चौपट
 फसल चौपट

उज्जैन, भोपाल सहित अन्य संभागों में खरीफ फसलें चौपट हो गई हैं। 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को नुकसान पहुंचाने की प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को मिली है। बारिश थमने के बाद सर्वे का काम गति पकड़ेगा, तब वास्तविक स्थिति साफ आएगी।

कृषि मंत्री सचिन यादव ने किसानों के लिए इसे संकट की घड़ी करार देते हुए विपक्ष से इस मुद्दे पर सियायत नहीं करने की अपील की है। साथ ही प्रभावित किसानों से कहा है कि वे फसल बीमा कंपनियों को शिकायत करें, ताकि उनके नुकसान का आकलन हो सके।

कृषि मंत्री ने बताया कि कई जगह खेत पानी में डूबे हुए हैं। बारिश लगातार हो रही है। इससे खरीफ फसलों के बड़े पैमाने पर चौपट होने की संभावना है। कृषि, राजस्व सहित अन्य विभागों का मैदानी अमला नुकसान का आकलन करने में जुटा है, लेकिन बारिश से यह काम गति नहीं पकड़ पाया है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सरकार के किसानों के बीच नहीं पहुंचने और अनदेखी करने के आरोप पर कहा कि यह समय सियासत करने का नहीं है। किसानों के लिए संकट का समय है। प्रारंभिक आकलन के हिसाब से आठ हजार करोड़ रुपए की फसल का नुकसान होने की संभावना है। यह आंकड़ा सर्वे के बाद और बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार नजर रखे हुए हैं। मैदानी अफसरों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। केंद्र सरकार के साथ भी लगातार संवाद हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि मुसीबत के इस समय में सहायता करें।

उधर, राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार को आपदा से हुए नुकसान का फीडबैक दे दिया गया है। उन्होंने जल्दी ही नुकसान का आकलन करने के लिए टीम भेजने का भरोसा दिलवाया है। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर 10 से 15 हजार करोड़ रुपए की फसल सहित अन्य क्षति का हवाला देते हुए केंद्र सरकार को आर्थिक सहायता का मांग पत्र भेजा जाएगा।

 

साहिब की जिद ने कई गांवों को इतिहास बना दिया: जयवर्धन

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने सरदार सरोवर बांध के अधिकतम क्षमता तक भरने को लेकर सोमवार को ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि साहिब की जिद ने मध्यप्रदेश के कई गांवों में इतिहास बना दिया। जिन्हें तीन बार से मध्यप्रदेश चुन रहा था, वो डर के कारण इसे चुपचाप मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं। आज जाएं और देखें उनके निर्णय ने कितने गांवों को बर्बाद कर दिया।

 

केंद्र से तत्काल दो हजार करोड़ रुपए दिलवाएं शिवराज: शर्मा

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाढ़ क्षेत्रों का दौरे करने पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली जाकर मध्यप्रदेश को मिलने वाली राशि रुकवाई है। प्रदेश के दस हजार करोड़ रुपए पिछले सालभर से रुके हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि चौहान ने इस वर्ष के 310 करोड़ रुपए में भी कटौती करवा दी है। जब केंद्र में यूपीए सरकार थी, तक बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान धरने पर बैठते थे और अब षड्यंत्र कर पैसा रुकवा रहे हैं। उन्हें वाकई में किसान और बाढ़ पीड़ितों की चिंता है तो तत्काल दो हजार करोड़ रुपए दिलवाएं। सरकार संकट की घड़ी में पूरी तरह से किसान और जनता के साथ है। 45 हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

 

गांधी सागर बांध के गेट विलंब से खोले जाने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शर्मा ने कहा कि भाजपा के लोग भ्रम फैला रहे हैं। शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा की, जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य का हिस्सा एसडीआरएफ में तय था। यह 2020 तक के लिए था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसको 75 प्रतिशत केंद्र का और 25 प्रतिशत राज्य का हिस्सा कर 2019-20 के बजट में 1066 करोड़ के फंड में 160 करोड़ और पिछले वर्ष के 152 करोड़ रुपए राज्य सरकार को केंद्र से मिलने वाली राशि से कम करवा दिए। इसी तरह राज्य के एसडीआरएफ के फंड का 310 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा रोका गया है।

Kolar News 17 September 2019

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