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राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने राजभवन में कृषि, पशुपालन, मछली पालन और उद्यानिकी विभाग के प्रमुख सचिवों एवं संचालकों के साथ किसानों की आय दोगुनी करने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसान को आत्म-निर्भर बनाना जरूरी है। सभी संबंधित विभाग समग्र विकास की एकीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए गांव में जायें। किसान की आय दो गुनी करने का प्रत्यक्ष अनुभव ग्रामीणों को करायें। विस्तृत कार्य-योजना बनाकर उसे जमीनी स्तर पर क्रियान्वित भी करें।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि नवीन ज्ञान और विचार तभी प्रभावी हैं, जब वो मैदानी हकीकत में दिखाई दें। चिंतन और आंकड़ों की सार्थकता उनके व्यवहारिक क्रियान्वयन में है। उन्होंने कहा कि गाँवों का चयन कर नवीन कृषि ज्ञान के साथ किसान की आमदनी दो गुनी करने का कार्य करें। पशुपालन विभाग उन्नत भारतीय नस्ल का गौ-पालन और खेती में उसके उपयोग,बकरी पालन आदि गतिविधियाँ संचालित करे। मछली पालन विभाग किसानों के तालाब अथवा गांव के तालाबों को किराए पर लेकर मछली पालन का कार्य करके दिखाये। इससे लागत, श्रम और प्राप्त लाभ से परिचित होकर किसान स्वयं ही आगे आएंगे। श्री टंडन ने कहा कि नीति आयोग इस दिशा में प्रभावी प्रयास कर रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय देसी गाय की नस्ल को तीन वर्ष में उन्नत किया जा सकता है। एक गाय से 5 एकड़ खेती के बराबर आय प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि गाय के गोबर और मूत्र का कृषि में उपयोग कर बिना लागत की खेती की जा रही है। जैविक खेती से आलू उत्पादन के प्रयोग का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि किसान जब अपने गांव में प्रयोग की सफलता देखेगा, तो वह स्वंय तत्पर होगा।
बैठक में राज्यपाल को कृषि, मछली पालन, पशुपालन और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने विभागीय गतिविधियों द्वारा किसान की आय को दो गुना करने की कार्य-योजना शीघ्र ही प्रस्तुत करने की जानकारी दी।
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