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भोपाल के खटलापुरा घाट पर आज सुबह गणेश विसर्जन के दौरान एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। मूर्ति को विसर्जित करने के दौरान नाव पलट गई और एक-एककर 12 लोगों की डूबने से मौत हो गई। कुछ लोग खुशकिस्मत रहे, जो या तो तैरकर किनारे आ गए या कुछ लोगों ने अपनी जान पर खेलकर उनको बचा लिया।
इस हादसे में पिपलानी क्वाटर्र में रहने वाले 12 साल के परवेज़ की भी मौत हो गई। अपने कलेजे के टुकड़े को खोने के बाद से ही मां और भाई का रो-रोकर बुरा हाल है। वो बस एक ही रट लगा रहे हैं कि परवेज वापस लौट आ। बता दें कि परवेज के पिता सईद की 6 साल पहले ही मौत हो गई। घर की माली हालत ठीक नहीं थी तो परवेज़ की पढ़ाई भी बीच में ही छूट गई। लेकिन इस दौरान जो एक चीज नहीं छूटी, वो था गणेश चतुर्थी पर धूमधाम से बप्पा को अपनी कॉलोनी में बैठाना। धर्म भले ही अलग था, लेकिन परवेज़ बाकी लोगों के साथ मिलकर पिछले 5 साल से अपने मोहल्ले में गणेश जी की स्थापना कर रहा था।
इस बार भी बड़े उत्साह के साथ बप्पा को लाए थे। विदाई से पहले गुरुवार रात को बप्पा की झांकी निकाली और फिर ये बोलकर कि मैं बप्पा को विसर्जित करने जा रहा हूं परवेज़ घर से रुखसत हो गया। किसे पता था कि अगले दिन वो कफन में लिपटा हुआ घर आएगा। हादसे के बाद भाई भी गमनीन है। उसने बताया कि, 6 साल पहले पिता की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही परवेज़ की पढ़ाई छूट गई थी। लेकिन उसे झांकी में जाने का बड़ा जूनून था। हादसे से एक दिन पहले रात में वो घर से यही बोलकर निकला था कि मैं झांकी में जा रहा हूं। लेकिन फिर वापस नहीं लौटा।
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