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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से लेकर विभिन्न विषयों के विभाग और हास्टल बेहद ही जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। इस बारे में छात्र भी लगातार बीयू प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं। लेकिन आलम यह है कि बीयू प्रशासन भवनों की मरम्मत कराने के लिए तैयार ही नहीं है। इस वजह से हादसों का अंदेशा भी लगातार बना हुआ है। वहीं बीयू प्रशासन का इस बारे में कहना है कि बारिश का दौर रुकने के बाद ही मरम्मत कार्य शुरु कराया जा सकेगा।
दरअसल बीयू में सोमवार रात जैनेटिक्स विभाग की कक्षा के छज्जे का कुछ हिस्सा टूटकर गिर गया था। हालांकि रात का समय होने के कारण कक्षाएं संचालित नहीं होने के कारण बड़ा हादसा टल गया था। कुछ ऐसी ही स्थिति बीयू के अन्य विभागों में भी है। अधिकांश विभागों की छतों पर पानी भरा हुआ है। फिजिक्स डिपार्टमेंट में संचालित इलेक्ट्रानिक्स विषय की लैब की दीवार में लगातार पानी रिस रहा है इसे करंट का खतरा भी बना हुआ है। इसी तरह गोपनीय शाखा में करीब बीस से पच्चीस हजार उत्तर पुस्तिकाएं रखी हुई हैं। इनकी अब तक जांच नहीं हो सकी हैं। यहां की दीवारों से भी लगातार पानी रिस रहा है जिससे उत्तर पुस्तिकाएं भीगने का खतरा बना हुआ है। यदि उत्तर पुस्तिकाएं भीग जाती हैं तो छात्रों के रिजल्ट भी अटक सकते हैं। यही हालत आईटी सेल की भी है। यहां भी कुछ दिन पहले छज्जे का हिस्सा गिर गया था। इसी तरह एक्वाकल्चर विभाग में भी बहुत ही स्थिति खराब है। दीवारों और छतों से पानी रिस रहा है। इसके अलावा सेंट्रल लाइब्रेरी की फाल्स सीलिंग का भी कुछ हिस्सा गिरा हुआ है लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
पांच साल से नहीं हुआ मरम्मत कार्य
बीयू के अधिकांश भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। लेकिन बीयू प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। बीयू में पिछले करीब पांच सालों से बड़े पैमाने पर मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है। ऐसे में कभी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बारिश बाद होगा काम
फिलहाल बारिश का दौर जारी होने से मरम्मत कार्य नहीं कराया जा रहा है। बारिश का दौर थमने के साथ ही मरम्मत कार्य कराया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है।
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