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कोलार से निकलने वाली कलियासोत नदी के 33 मीटर दायरे के भीतर हुआ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई आज तक नहीं हो सकी। इस बार अभी तक कम बारिश होने से जिल प्रशासन और नगर निगम के जिम्मेदार अफसर कलियासोत नदी से लगे दामखेड़ा की झुग्गियां तक नहीं हटाई। जिम्मेदारों की ओर से ध्यान नहीं देने से और अतिक्रमण हो रहे हैं।
दामखेड़ा ए और बी में नदी किनारे 100 से ज्यादा टीन शेड के मकान बने हैं। झुग्गियां भी तन गई हैं। लेकिन, जिम्मेदार अफसर अतिक्रमण हटाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर निगम प्रशासन ने नदी की सीमा में आने वाली अतिक्रमण की जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंचाई है। लेकिन, बड़े स्तर पर कोई अतिक्रमण विरोधी मुहिम जिला प्रशासन ने नगर निगम के सहयोग नहीं चलाई। ऐसे में नदी के आससपास अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। नगर निगम जोन-18 की अतिक्रमण शाखा के प्रभारी जगदीश टांक ने बताया कि कलियासोत नदी किनारे अतिक्रमण है। मकान व झुग्गिया बनी हैं। जिला प्रशासन को जानकारी भेजी है। निर्देश मिलने पर जिल प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण विरोधी मुहिमक चलाई जाएगी।
जिस साल तेज बारिश होती है और नदी में पानी बढ़ जाता है। उस दौरान नदी की सीमा में बने टीन शेड के मकान व झुग्गियों में रहने वाले लोगों की जान का खतरा बढ़ जाता है। पिछले साल तेज बारिश होने पर कलियासोत से लगे दामखेड़ा के कई घरों में पानी घुस गया था। इससे 50 से जयादा परिवार बेघर हो गए थे। इस बार अभी तक तेज बारिश नहीं होने घरों में पानी घुसने के कोई हालत नहीं बने हैं। लेकिन, दो दिन ही भारी बारिश हो जाए तो लोगों की जान का खतरा बढ़ जाएगा।
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