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मध्य प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दुरुपयोग कर फर्जी रेलवे टिकट बनाने का मामला सामने आया है। जयपुर रूट पर हेड टीसी ने कुछ छात्रों को पकड़ा, जब वे मोबाइल में टिकट दिखाकर यात्रा करने की कोशिश कर रहे थे। जांच में पता चला कि छात्रों ने AI टूल की मदद से एक यात्री के टिकट को सात यात्रियों के लिए बदल दिया था। मोबाइल में टिकट पूरी तरह असली जैसा दिखाई दे रहा था, जिसमें क्यूआर कोड, यात्रा विवरण और राशि भी दर्ज थी।
रेलवे ने जारी किया अलर्ट
मामला सामने आने के बाद रेलवे ने मध्य प्रदेश के झांसी सहित सभी मंडलों में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी टीटीइ और टीसी के मोबाइल व टैबलेट में टीटीइ ऐप डाउनलोड कराकर अब संदेह की स्थिति में टिकट का तुरंत क्यूआर कोड स्कैन कर यूटीएस नंबर और कलर कोड की जांच की जा रही है। रेलवे का कहना है कि टिकट दलाल भी भविष्य में AI का दुरुपयोग कर सकते हैं, इसलिए सतर्कता बढ़ाई गई है।
नियमों का कड़ा पालन जरूरी
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यूटीएस, एटीवीएम या काउंटर से जारी अनारक्षित टिकट (ई-टिकट और एमटी कट को छोड़कर) भौतिक रूप में होना अनिवार्य है। मोबाइल में केवल दिखाया गया ऐसा टिकट मान्य नहीं है। इस कदम से रेलवे ने फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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