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मोदी सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद राजनीति तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘महात्मा गांधी’ नाम में आखिर क्या खराबी है। पार्टी का आरोप है कि सरकार पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू से नफरत करती थी और अब महात्मा गांधी से भी दूरी बना रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार योजनाओं के नाम बदलने में माहिर है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे ‘निर्मल भारत अभियान’ का नाम ‘स्वच्छ भारत अभियान’ किया गया और ग्रामीण एलपीजी योजना को ‘उज्ज्वला’ नाम दिया गया। जयराम रमेश ने साफ कहा कि जब योजना पहले से महात्मा गांधी के नाम पर है, तो उसका नाम बदलने की जरूरत ही क्या है।कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने भी इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री, जिन्होंने कभी मनरेगा को ‘विफलता का स्मारक’ कहा था, अब उसी योजना का श्रेय लेने के लिए उसका नाम बदल रहे हैं। बता दें कि मनरेगा, जिसका पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है, ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को हर साल कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है। सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज़ है और कांग्रेस इसे महात्मा गांधी के नाम से दूरी बनाने की कोशिश के रूप में देख रही है।
Patrakar Vandana Singh
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