Advertisement
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अपने एक्स सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि अब वे सीधे स्मारक स्थलों पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित नहीं करेंगी। उनका यह निर्णय सुरक्षा व्यवस्था और अनुयायियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मायावती ने बताया कि उत्तर प्रदेश में उनके नेतृत्व में बनी बीएसपी सरकारों ने समाज सुधारक और महापुरुषों—जैसे महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरु, बाबा साहेब आंबेडकर और कांशीराम—को हर संभव सम्मान दिया, जबकि अन्य जातिवादी पार्टियों की सरकारों में उनका उपेक्षित किया गया।
मायावती ने बताया कि उनके जाने पर अनुयायियों को सरकारी सुरक्षा प्रबंधों के चलते मुख्य स्थलों से दूर रोक दिया जाता था, जिससे लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। इस कारण उन्होंने यह निर्णय लिया कि वे अपने निवास स्थान या पार्टी कार्यालय से इन महान व्यक्तियों की जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे अनुयायियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में कोई असुविधा नहीं होगी और सुरक्षा संबंधी परेशानियों से बचा जा सकेगा।
इसके तहत आगामी 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के लोग लखनऊ स्थित ‘डॉ. भीमराव आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’ पर और पश्चिमी यूपी, दिल्ली तथा उत्तराखंड के लोग नोएडा स्थित ‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल’ पर भारी संख्या में अपने परिवार सहित पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। मायावती ने कहा कि इस अवसर पर लोग बाबा साहेब के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों और आत्म-सम्मान के मूवमेंट को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लेंगे, ताकि बीएसपी के नेतृत्व में उनके स्वाभिमान का आंदोलन सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करके मंजिल तक पहुंचे।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
|
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
Medha Innovation & Development |