सिवनी । मध्य प्रदेश के विश्वविख्यात सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिज़र्व (सिवनी, म.प्र.) से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व के लिए चल रहे अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण अभियान के तहत सोमवार को फील्ड टीमों ने लगातार तीसरे दिन पहले जैसे ही प्रोटोकॉल के अनुसार खोज अभियान जारी रखा, हालाँकि व्यापक तलाशी और मानक रणनीतियों को अपनाने के बावजूद आज भी निर्धारित बाघिन का कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष सुराग नहीं मिल सका।
पेंच टाइगर रिज़र्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह (भा.व.से.) ने सोमवार को हिस को जानकारी दी कि मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व के बीच चल रहे अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण अभियान के तहत फील्ड टीमों ने सोमवार को पिछले तीन दिनों से अपनाए गए समान प्रोटोकॉल और रणनीतियों के अनुसार खोज अभियान पुनः प्रारंभ किया। व्यापक प्रयासों के बावजूद, आज निर्धारित बाघिन का कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष साक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका।
उपसंचालक ने हिस को सोमवार की शाम को जानकारी देते हुए बताया कि फील्ड संकेतों से पता चलता है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार मानव गतिविधि के कारण बाघिन अधिक सतर्क और मायावी हो गई है, जिससे उसकी अनुमानित गतिविधियों या दिन के समय दिखने की संभावना कम हो गई है। इस व्यवहारिक परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए, रणनीतिक रूप से यह निर्णय लिया गया है कि मंगलवार 02 दिसंबर 2025 से खोज अभियान सीमित टीमों के साथ संचालित किए जाएंगे। इससे क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होगा, जिससे बाघिन अपनी प्राकृतिक गतिविधियों को पुनः शुरू कर सकेगी और सुरक्षित व प्रभावी अभियान की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
उपसंचालक ने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि बाघिन का पता चलते ही उसे अत्यंत सावधानी और न्यूनतम व्यवधान के साथ पहले बेहोश कर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा। कॉलर लगाने के बाद बाघिन की रेडियो कॉलर के माध्यम से कड़ी निगरानी की जाएगी और उसके बाद स्वीकृत प्रोटोकॉल एवं व्यवस्थाओं के अनुसार उसे राजस्थान स्थानांतरित किया जाएगा। अभियान मंगलवार 02 दिसंबर 2025 से संशोधित टीम तैनाती के साथ जारी रहेगा।