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उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत हो गई है। सोमवार सुबह दशहरा मैदान में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गीता जयंती के पावन अवसर पर महोत्सव का शुभारंभ किया। सीएम यादव ने कहा कि “गीता एक पवित्र ग्रंथ है, जिसे हर बच्चे के बस्ते में होना चाहिए। गीता प्रैक्टिकल ज्ञान देती है और जीवन को समझने की प्रेरणा देती है।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु-संत, स्कूली बच्चे और बटुक शामिल हुए। करीब 9 बजे मंच पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान संत रंगनाथाचार्य महाराज का विशेष स्वागत भी किया गया।
महोत्सव में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक सस्वर पाठ किया, जिससे पूरा परिसर धार्मिक उत्साह से गूंज उठा। तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में नृत्य-नाट्य, गीता पाठ और विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होंगी। संस्कृति और जनसंपर्क विभाग सहित कई संस्थाओं के सहयोग से यह भव्य आयोजन किया जा रहा है।
सोमवार शाम बॉलीवुड अभिनेता पुनीत इस्सर के निर्देशन में ‘जय श्री कृष्णो-गीता सार’ नृत्य-नाट्य का मंचन होगा। मंगलवार को नई दिल्ली की कलाकार वैष्वीर शर्मा प्रस्तुति देंगी और मोहित शेवानी के निर्देशन में ‘कृष्णायन’ नाट्य होगा। बुधवार को ‘विश्वनवंदनीय’ नाट्य और सलाउद्दीन पाशा द्वारा ‘गीता ऑन व्हील्स’ प्रस्तुति आयोजित की जाएगी। साथ ही ‘माधव दर्शनम्’ पर आधारित लघु चित्र शैलियों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र बनेगी।
वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव श्रीराम तिवारी ने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला ग्रंथ है। उन्होंने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय महोत्सव समाज में ज्ञान, अनुशासन, कर्तव्य और सकारात्मकता का माहौल बनाने का माध्यम बनेगा।
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