भोपाल । मध्य प्रदेश में इस साल सर्दी ने सामान्य समय से पहले दस्तक दी है। आमतौर पर नवंबर के दूसरे पखवाड़े में शुरू होने वाली कड़ाके की ठंड इस बार पहले ही पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले चुकी है। उत्तर-पूर्वी हवाओं के असर से राज्य के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। राजगढ़ सबसे ठंडा जिला रहा, जहां रात का पारा 9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। वहीं, इंदौर में नवंबर की सर्दी का दस साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है।
मौसम विभाग ने बताया कि मानसून के बाद जैसे-जैसे नमी घटती है, रातें जल्दी ठंडी होने लगती हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, बर्फ पिघलती है और ठंडी हवा मैदानों तक आती है। हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी से उत्तर-पूर्वी दिशा में होता है, जिसे ‘विंड पैटर्न सेट होना’ कहा जाता है। इन सभी वजहों से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा है। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी ज्यादा ठंड महसूस की जा रही है।
रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज
पिछली दो रातों में प्रदेशभर में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात ज्यादा ठंडी रही। सबसे ठंडा राजगढ़ रहा। यहां एक ही रात में 2 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 9 डिग्री पर आ गया। इंदौर में 10.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि साल 2015 से 2024 के बीच न्यूनतम तापमान कभी भी इतने नीचे नहीं पहुंचा। साल 2017, 2020 और 2022 में पारा जरूर 11 डिग्री के आसपास रहा था। वहीं, भोपाल में पारा 2 डिग्री नीचे आ गया। रात में यह 11 डिग्री दर्ज किया गया। पिछले 10 साल में से 5 बार ऐसा हुआ है, जब पारा इतना नीचे आया हो। ग्वालियर में 11.3 डिग्री, जबलपुर में 14.6 डिग्री और उज्जैन में 13 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट
गुरुवार-शुक्रवार की रात में प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट दर्ज की गई। दतिया में 11.1 डिग्री, गुना में 12.2 डिग्री, धार में 12.4, रीवा में 12.5 डिग्री, श्योपुर-नौगांव में 13 डिग्री, बैतूल में 13.2 डिग्री, उमरिया में 13.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 14 डिग्री, सागर में 14.2 डिग्री, रतलाम में 14.5 डिग्री, सतना में 14.9 डिग्री, छिंदवाड़ा-दमोह में 15 डिग्री सेल्सियस रहा। झाबुआ में तीन दिन के दौरान न्यूनतम तापमान में 8.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। ठंड बढ़ने से झाबुआ जिले में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार अब नर्सरी से तीसरी कक्षा तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे से पहले और चौथी से बारहवीं तक की कक्षाएं सुबह 8 बजे से पहले नहीं लगेंगी।
ठंडी हवाओं और कोहरे का असर बढ़ेगा
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून के बाद नमी घटने और उत्तर की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण सर्दी का असर तेज हुआ है। हवा का रुख उत्तर-पूर्वी दिशा में बनने से इसे “विंड पैटर्न सेट होना” कहा जाता है, यही फिलहाल ठंड बढ़ने की मुख्य वजह है। आने वाले दिनों में कोहरा भी बढ़ेगा। वर्तमान में मंडला में दृश्यता 1 से 2 किलोमीटर तक सीमित रही, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में 2 से 4 किलोमीटर तक दर्ज की गई। देर रात और सुबह के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है।