Advertisement
कोलार के भोज मुक्त विश्वविद्यालय के बीएड विभाग में पदस्थ निकिता तिवारी सहित अन्य एक फैकल्टी ने दिल्ली आरसीआई (भारतीय पुनर्वास विभाग) में तीन दिन धरना दिया है। वहां उन्होंने निदेशक वर्षा सागोरकर, याचना सक्सेना और रिंकी शिवहरे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने आरसीआई में कहा कि उन्हें अपने अधिकारों पर न्याय नहीं दे सकते, तो उन्हें इच्छामृत्यु का अधिकार मिलना चाहिए। इधर, कुलपति रविंद्र आर कान्हेरे ने प्रकरण की जांच करने के लिए दो प्रोफेसरों की कमेटी गठित कर दी है।
बता दें कि भोज के बीएड विभाग में महिला फैकल्टी निदेशक की यातना से काफी आहत हो चुकी थीं। कई बार कुलपति रविंद्र आर कान्हेरे से शिकायत करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होने पर फैकल्टी ने दिल्ली पहुंचकर आरसीआई में धरना दिया। अब ये फैकल्टी विकलांग मंत्रालय में भी अपने अधिकारों के लिए याचिका दायर करेंगी। उनको निदेशक ने उन्हें कैसे पीड़ित किया है। इसकी एक लंबी सूची भी पुनर्वास मंत्रालय को सौंपी है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग चार सीआर खराब होने के बाद भी डायरेक्टर की प्रतिनियुक्ति बढ़ाने के निर्णय को वापस लेने की तैयारी में हैं। उन्होंने ये शिकायत राज्यपाल और उच्च शिक्षा विभाग में भी दर्ज करा दी है।
फैकल्टी ने अपनी शिकायत में कहा कि डायरेक्टर महिला फैकल्टी के चरित्र पर कई बार आरोप लगाती हैं, विद्यार्थियों के सामने बेबुनियाद आरोप लगाकर मानसिक प्रताड़ित करती हैं, उपस्थित होने के बाद अनुपस्थिति लगा देती हैं, वे याचना सक्सेना और रिंकी शिवहरे को सर्पोट करती हैं जो उनके आर्थिक लाभ और स्वार्थ में सहयोग करते हैं, विद्यार्थियों से झूठी शिकायतें करवाती हैं, आरसीआई में रजिस्टर्ड नहीं होने के बाद भी रिंकी शिवहरे को ज्यादा कक्षाएं दी हैं।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |