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देहरादून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश जाने के बाद श्रद्धालुओं का आदि कैलाश यात्रा को लेकर रुझान बढ़ा है। आदि कैलाश की इस वर्ष यात्रा ने पिछले वर्षों का रिकार्ड तोड़ा है। इस साल 31 हजार 5 सौ 98 यात्री आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर चुके हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड में अध्यात्मिक सुख और शांति की तलाश में श्रद्धालुओं के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। आदि कैलाश यात्रा को और अधिक व्यवस्थित किया जाएगा ताकि यात्रियों को यात्रा मार्ग पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी यात्रा सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया है।
आदि कैलाश: हिमालय की ऊंचाईयों पर जहां बसते हैं शंकर
पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश को छोटा कैलाश, शिव कैलाश, बाबा कैलाश व जोंगलिंगकोंग चोटी के नाम से जाना जाता है। हिमालय का यह हिस्सा हिन्दू शास्त्रों में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां तक कहा गया है कि जिसने आदि कैलाश के दर्शन कर लिए उसने साक्षात शिव का सानिध्य प्राप्त कर लिया। पंच कैलाश में आदि कैलाश दूसरे स्थान पर है। बता दें कि पंच कैलाश में प्रथम कैलाश (तिब्बत), द्वितीय आदि कैलाश, ततीय श्रीखंड या शिखर कैलाश, चतुर्थ किन्नौर कैलाश और पंचम कैलाश मणि महेश कैलाश है। यहां गौरीकुंड व पार्वती नाम से दो ताल हैं। हिमालय की ऊंचाई पर स्थित इन ताला प्रकृति का दर्पण से प्रतीत होते हैं। स्वच्छ गहरे नीले पानी में प्रकृति ऐसे नजर आती है, जैसे श्रृंगार कर रही हो। इन दोनों तालों के प्रति सनातनियों की गहरी आस्था है।
ओम पर्वत, शिव के ओंकार रूप के दर्शन
जन्मातंर के पुण्यों का उदय ही है कि ऊं पर्वत के दर्शन हो रहे हैं, ऊं शब्द को साक्षात समक्ष देखकर तो कई श्रद्धालुओं की आस्था नयनों से झलक उठती है। हिमालय की 6191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ओम पर्वत अद्भूत रचना है। यहां स्वयं ब्रहम, विष्णु और महेश की शक्ति एक पर्वत पर नजर आती है। आदि कैलाश यात्रा के दौरान यह पर्वत पौराणिक मान्यता है कि हिमालय में आठ ऊं स्थित है लेकिन अभी तक सिर्फ यही ओम पर्वत नजर आता है। .
आदि कैलाश और ऊं पर्वत यात्रा ने बनाया रिकार्ड
आदि कैलाश यात्रा में इस साल यात्रियों संख्या का रिकार्ड बना है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अनुसार वर्ष 2022 में 1757, 2023 में 10,025, 2024 में 29,352 और इस साल 31,598 यात्री आदि कैलाश व ऊं पर्वत के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा लगातार विस्तार ले रही है और ऐसे में पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की जिम्मेदारियां भी बढ़ रही है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी बताते हैं कि यात्रा कठिन जरूर है लेकिन यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।
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