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नई दिल्ली । अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं को देश का गौरव बताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को महिलाओं का अपमान बताते हुए सरकार से जवाब मांगा, वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाए।
प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया? अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता केवल चुनावी दिखावा नहीं है, तो फिर देश की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही भारत की रीढ़ और समाज का गौरव हैं।
राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा कि जब महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखा जाता है, तो सरकार भारत की हर महिला को यह संदेश देती है कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करने में कमजोर है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है और ऐसे भेदभाव के सामने सरकार की चुप्पी नारी शक्ति पर उसके नारों की खोखलीपन को उजागर करती है।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि अफगान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। यह कार्यक्रम पूरी तरह से अफगान पक्ष द्वारा आयोजित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री मुत्ताकी 9-16 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं। 10 अक्टूबर को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी व्यापार, मानवीय सहायता, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान शुक्रवार को मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने से रोका गया।
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