Advertisement
मध्यप्रदेश में चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 10 अप्रैल से 9 जून तक किया गया था। उपार्जन का कार्य प्रदेश की अधिसूचित मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया गया। राज्य शासन ने उपार्जन के लम्बित प्रकरणों का आगामी 10 जुलाई 2018 तक निराकरण कराने के निर्देश जारी किये हैं।
समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान ऐसे पंजीकृत किसान जिन्हें टोकन जारी हुए किन्तु उपार्जित मात्रा पोर्टल पर दर्ज नहीं हो सकी। ऐसे पंजीकृत किसान जिन्हें ऑफलाइन टोकन जारी कर उनकी उपज का तौल किया गया लेकिन तौल की मात्रा पोर्टल पर दर्ज नहीं हो सकी है। इस तरह के लम्बित प्रकरण की सुनवायी अब संभागायुक्त कर सकेंगे। इस संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने आदेश जारी किये है।
जारी आदेश में कहा गया कि ऐसे पंजीकृत किसान जिन्होंने 9 जून के पहले चना,मसूर और सरसों की तुलाई तो करवा ली थी, लेकिन उपार्जन की मात्रा तकनीकी खामियों की वजह से अपलोड नहीं हो सकीं थी। इन सब प्रकरणों की सुनवायी अब संभागायुक्त करेंगे। समस्त संभागायुक्तों को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा आई डी पासवर्ड दे दिये गये हैं। इसके साथ ही, इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को भी निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में शुक्रवार को संभागायुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों की विडियो कांन्फ्रेंस में यह निर्देश दिये है।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |