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नगर निगम के कोलार स्थित जोन 18 और 19 में तैनात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी मांग को लेकर गेहूंखेड़ जोन कार्यालय में धरने पर बैठे हैं। इससे वार्डों में सफाई व्यवस्था, जलकार्य सप्लाई, यांत्रिकी संबंधी काम, समग्र आईडी और संपत्तिकर तक जमा नहीं हो पा रहे हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। इतने दिनों बाद भी निगम अफसर हड़ताल पर गए कर्मचारियों से चर्चा करने तक के लिए नहीं पहुंचे।
बुधवार को कर्मचारी स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों ने विधायक को बताया कि निगम में विलय के बाद उन्हें 89 दिवसीय से हटाकर 25 दिवसीय कर्मचारी में कर दिया गया है। इससे शासन द्वारा आदेश जारी होने के बाद भी विनियमितीकरण नहीं हो पाया। कर्मचारियों ने स्थापना के उपायुक्त एलआर कोली पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ही गलत नोटशीट बनाकर विनियमितीकरण से वंचित कर दिया है। अब हड़ताल करने वालों को नौकरी से हटाने की धमकियां दी जा रही हैं। इस पर विधायक ने कहा कि मेरे रहते किसी की नौकरी नहीं जाएगी। इस संबंध में विधायक ने गुरुवार को निगम आयुक्त अविनाश लवानिया ने चर्चा करने का आश्वासन दिया। विधायक ने कहा कि निगम के कुछ कर्मचारी संगठन व अफसर कोलार के कर्मचारियों का हित नहीं चाहते, इसलिए मामले को अटकाया जा रहा है, जो गलत है। कर्मचारियों के समर्थन में एमआईसी मेंबर कृष्णमोहन सोनी, भूपेंद्र माली, दिनेश यादव भी पहुंचे।
हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि इतने दिनों बाद भी अफसर बात करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में अब माता मंदिर स्थित निगम मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। बता दें कि हड़ताल के पहले दिन कर्मचारी निगम आयुक्त लवानिया से मिलकर ज्ञापन सौंपा था। आयुक्त ने मामले का अध्ययन कर जल्द उनकी मांगों के संबंध में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। लेकिन, अब तक कुछ नहीं हुआ।
कोलार नगर पालिका का भोपाल नगर निगम में चार साल पहले विलय हुआ था। उस दौरान नपा के 358 कर्मचारी 89 दिवसीय में थे, जिन्हें 25 दिवसीय में कर दिया गया। इससे कोलार के कर्मचारी विनियमितीकरण के लाभ से वंचित हो गए।
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