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भोपाल । मध्य प्रदेश इस समय मानसून की सक्रियता के नए दौर से गुजर रहा है। जहाँ एक ओर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की फुहारें राहत का एहसास करा रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ जिलों में तेज बारिश हो रही है, ऐसे में मौसम विभाग ने राज्य के 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव की बड़ी वजह तीन मौसम प्रणालियों का एक साथ सक्रिय होना है। इससे आने वाले दिनों में बारिश का दौर और तेज हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में हल्की बारिश हुई। बालाघाट और छिंदवाड़ा में बादलों ने जमकर बरसात की, जिससे किसानों और आम लोगों ने राहत की सांस ली। नर्मदापुरम, डिंडौरी और खजुराहो में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। हालाँकि, प्रदेश के कुछ हिस्सों में अभी भी लोग उमस और गर्मी से परेशान हैं। पिछले 24 घंटों के आंकड़े बताते हैं कि पचमढ़ी में सबसे अधिक 88.3 मिलीमीटर पानी गिरा, जबकि भोपाल में 41.6, रायसेन में 23.6, सागर में 29.6, छिंदवाड़ा में 16.8 और बालाघाट में 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। दमोह और नरसिंहपुर जैसे जिलों में भी अच्छी खासी बारिश हुई।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने गुरुवार को नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पांढुर्णा जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना जताई है। यहां अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। इसके अलावा प्रदेश के ज़्यादातर जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है। राजधानी भोपाल में भी गुरुवार को बादल गरजने और हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर-ग्वालियर में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है।
तीन प्रणालियां कर रहीं असर
मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय मध्य प्रदेश के मौसम को तीन प्रणालियां प्रभावित कर रही हैं, जिसमें चक्रवाती परिसंचरण तंत्र (Cyclonic Circulation), मानसून ट्रफ लाइन (Monsoon Trough Line) और डिप्रेशन (Depression) की स्थिति है। इन तीनों के सक्रिय होने से बारिश की तीव्रता और फैलाव दोनों बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब इस तरह की संयुक्त परिस्थितियां बनती हैं, तब कई जिलों में अचानक भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। दूसरी ओर यहां देखने में मिल रहा है कि तेज बारिश होने के बावजूद प्रदेश के कई जिलों में तापमान में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिखी। छतरपुर जिले के खजुराहो में बुधवार को अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री तक पहुँच गया। इसी तरह ग्वालियर में 34.6, सतना में 34.3, टीकमगढ़ में 34.2 और जबलपुर में 33 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। भोपाल में यह 30.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बादलों और उमस के कारण तापमान में उल्लेखनीय गिरावट नहीं हो रही। इससे लोगों को भीषण गर्मी तो नहीं झेलनी पड़ रही, लेकिन उमस और पसीने ने परेशानी बढ़ा दी है। वहीं, शहरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से जगह-जगह जलभराव की समस्या सामने आने लगी है। भोपाल, जबलपुर और इंदौर जैसे शहरों में निचली कॉलोनियों में पानी भरने की शिकायतें मिल रही हैं।उधर, भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है। नदी-नालों के किनारे रह रहे लोगों को भी प्रशासन ने एहतियात बरतने की सलाह दी है।
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