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नगर निगम जोन-18 और 19 में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पिछले दो दिन से धरने पर बैठे हैं। गेहूंखेड़ा स्थित जोन-18 के कार्यालय के सामने कामकाज छोड़कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे लोगों के नगर निगम संबंधी कार्य ठप हो गए हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर, विद्युत, जलकार्य, सीवेज, सिविल, राजस्व शाखा के कोई कार्य नहीं हो रहे। लोग काम कराने इधर-उधर भटकते रहे। जोन-18 और 19 में आने वाले वार्डों में कार्यरत कर्मचारी बुधवार को एकत्रित होकर धरना देने लगे।
कर्मचारी संजना रिछारिया व पंकज खरे ने बताया कि 2006 में नगर पालिका का गठन हुआ। इसके बाद दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी पर रखा गया। 29 सितंबर 2014 में कोलार नगर पालिका का विलय भोपाल नगर निगम में हो गया। करीब 350 दैनिक वेतन कर्मचारियों को नगर निगम के अलग-अलग जोन में काम कर रहे हैं। नवंबर 2014 में 25 दिवसीय कर्मचारी के रूप में परिवर्तित कर भुगतान किया जाने लगा। पिछले आठ सालों से दैनिक वेतन भागी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। नियमतिकरण को लेकर कई बार नगर निगम आयुक्त, नगरीय प्रशासन आयुक्त, मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन नियमतीकरण नहीं किया गया। अभी 5 हजार 700 रुपए प्रति कर्मचारी दिया जाता है, जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है। जब तक हमारी नियतिकरण की मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। कर्मचारियों के धरने में महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मांडवी चौहान, पार्षद मंजीत मारण, जोन, भाजपा नेता व पार्षद पति श्याम सिंह मीणा भी शामिल हुए। कर्मचारियों की नियमतीकरण की मांग को सही बताया।
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