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आखिरकार 9 साल 3 माह बाद फिर से राजधानी की प्यास बुझाने वाला बड़ा तालाब अपने डेड स्टोरेज लेवल यानी 1652 फीट तक पहुंच गया। इससे पहले 22 फरवरी 2009 में तालाब का जल स्तर इस लेवल तक पहुंचा था।
बोट क्लब से तकिया टापू तक 90 फीसदी तालाब सूख चुका है। गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग बोट क्लब से टापू तक पैदल गए। तापमान का यही दौर बना रहा तो तेजी से वाष्पीकरण के कारण आने वाले कुछ दिनों जलस्तर 1650 तक भी पहुंच जाएगा।
डेड स्टोरेज लेवल पर जल स्तर आने से कई पंप हाउसों तक पानी पहुंचना बंद हो गया है। करबला और बैरागढ़ के पंप हाउस तक पानी खींचने में मुश्किल हो रही है। अतिरिक्त पंप लगाकर पानी लेने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब तालाब से गंदा पानी आने की समस्या और बढ़ेगी।
जलस्तर के इससे नीचे जाने पर औसत बारिश की स्थिति में फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट तक तालाब का भर पाना अब मुश्किल होगा। क्योंकि पिछले साल जलस्तर 1658 फीट तक पहुंच गया था, लेकिन औसत बारिश के बाद भी 1661 फीट तक ही भर पाया। निगम के इंजीनियरों ने अनुमान लगाया था कि तालाब 30 जून तक डेड स्टोरेज लेवल तक पहुंच सकता है। लेकिन एक महीने पहले ही यह स्थिति बन गई।
निगम अधिकारियों ने तालाब से रोजाना 30 एमजीडी की होने वाली सप्लाई की जगह 15 एमजीडी कटौती की योजना बनाई थी। लेकिन सिर्फ 7 एमजीडी की कटौती ही कर पाए। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करने से तालाब का जलस्तर डेड लेवल तक पहुंच गया।
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