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मंडीदीप से निकले नेशनल हाईवे के किनारे स्थित आयशर ट्रैक्टर फैक्ट्री और मैक्शन इंडस्ट्रीज के पीछे 60 फीट चौड़ी कलियासोत नदी को एक बिल्डर द्वारा पूरा जा रहा है। इस नदी को लगभग एक किलोमीटर की लंबाई के दायरे में पूर दिया गया है। इसमें हजारों ट्रक मलबा डाला जा चुका है। इससे अब नदी की चौड़ाई मात्र 30 फीट ही बची है।ऐसे में अच्छी बारिश हो गई तो कोलार इलाके में बाढ़ आ जाएगी।
नगर के आस्था का केंद्र और जल स्तर बढ़ाने की स्रोत कलियासोत नदी को समरधा के पास अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा मलबा डाल कर पूरा जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से हजारों ट्रक मलबा यहां डाला जा चुका है। लेकिन, राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। स्थानीय रहवासी चंद्रशेखर चौकसे बताते हैं कि यहां पर अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 27 एकड़ क्षेत्र में डुप्लेक्स मकान बनाए जा रहे हैं। इसके साथ कलियासोत नदी के किनारे ही एक होटल का निर्माण किया जा रहा है। इसलिए वह 60 से 70 फीट चौड़ी कलियासोत नदी के आधे हिस्से में मलबा डालकर पूर दिया है। उन्होंने बताया कि मलबा डालने से जहां नदी का प्राकृतिक बहाव प्रभावित होगा। वहीं बारिश के दिनों में यहां जलभराव की स्थिति बनेगी। इससे आसपास के इलाके में स्थित कारखानों में पानी भर जाएगा।
किसी भी नदी के 33 मीटर के दायरे में नहीं कर सकते निर्माण
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों अनुसार किसी भी नदी के किनारे 33 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। लेकिन, यहां पर अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा नदी में मलबा डालकर पूरने का काम किया जा रहा है। यही नहीं नदी के किनारे कई दर्जन पेड़ भी काट दिए गए हैं।
कलियासोत नदी के डूब क्षेत्र में आने वाले इस क्षेत्र में बिल्डर द्वारा करीब एक माह से काम किया जा रहा है। बिल्डर ने पहले हाईवे किनारे नदी तक पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण किया। इसके बाद इस क्षेत्र का बाउंड्रीवॉल से कवर कर नदी किनारे मलबा डालने का काम शुरू कर दिया गया।
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