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हाईकोर्ट के फैसले और मुख्यमंत्री की घोषणा के सालों बाद भी नई पोषण आहार व्यवस्था नहीं बन पाई है। एक ही कंपनी से पोषण आहार लेना प्रदेश में कुपोषण का बड़ा कारण है। यह बात बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक हिना कांवरे ने कही। वे राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोल रही थीं।
कांवरे ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों से पोषण आहार तैयार कराने की मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी नहीं हो रही है। दो साल से यह बात सिर्फ मुख्यमंत्री के भाषणों में आ रही है। उसका फील्ड में पालन नहीं हो रहा। कांवरे ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को बगैर पैसे दिए मकान नहीं मिल रहे। उन्होंने सरकार से इन हितग्राहियों का सम्मेलन कराने और एक-एक हितग्राही से वास्तविकता पूछने की मांग भी की।
विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सरकार ने किसानों को भावांतर के भंवर में फंसा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 साल से भाजपा की सरकार है। फिर अब गरीब कल्याण वर्ष मनाने की क्या जरूरत पड़ गई। उन्होंने कहा कि बिजली बिल जमा न करने पर बीपीएल हितग्राहियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये कार्रवाई मंत्री के इशारे पर हो रही है।
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