Video

Advertisement


वास्तुदोष का शिकार विधानसभा , विधायक बोले- दूर करें वास्तुदोष
वास्तुदोष का शिकार विधानसभा

 

विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही वास्तुदोष का मुद्दा उठ गया। दिवंगत विधायकों और अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा कि चौदहवीं विधानसभा में हम अपने नौ साथियों (विधायक) को खो चुके हैं। पता नहीं प्रकृति क्या चाहती है।

विधानसभा के वर्तमान सदन को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती हैं। हम विज्ञान के अलावा दूसरी चीजों पर भी भरोसा करते हैं। जो परंपरा, कर्मकांड और पुराण हैं, उनके हिसाब से अध्ययन कराया जाए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से भी आग्रह किया कि वास्तुदोष को दूर करवाने के प्रयास होने चाहिए।

हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि वे खुद इस पर ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं पर वरिष्ठ विधायक ने विषय उठाया है। इस पर विचार करेंगे। 'नवदुनिया" ने 'दो मंत्री अस्वस्थ, फिर गर्माया विधानसभा के वास्तुदोष का मुद्दा" शीर्षक से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।

सोमवार को दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देते वक्त उठे वास्तुदोष के मुद्दे पर सदन में तो कोई मंत्री या विधायक कुछ नहीं बोले पर बाहर निकलते ही कहा कि चिंताजनक बात है, इस पर विचार होना चाहिए। उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि व्यक्ति वास्तु के कारण जीता है या मरता है, इस पर मेरा भरोसा नहीं है। सांसें भगवान देता है। भारतीय जनमानस में वास्तु को लेकर मान्यता है। ये भी सच है कि सब कुछ विज्ञान में नहीं है। यहां भी यदि वास्तुदोष दूर करने को लेकर विचार होता है तो आपत्ति नहीं है। सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कई तरह से यह बात आई है। मन में संदेह भी पैदा होता है। जब भवन बना होगा तो इस विषय में प्रक्रिया अपनाई गई होगी। शंका का समाधान होना चाहिए।

वहीं, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री संजय पाठक ने कहा कि मन में भय आ रहा है तो उसे दूर कर लेना चाहिए। कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने कहा कि वास्तुदोष को बहुत लोग मानते हैं और बहुत से नहीं। वास्तुदोष है तो उस पर विचार जरूर होना चाहिए। वहीं, निशंक जैन ने कहा कि हर सत्र में हम श्रद्धांजलि देते हैं। आना-जाना तो चलता रहता है पर यदि वास्तुदोष की बात उठी है तो उसे दिखवा लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विधायक दल की बैठक में लगातार विधायकों के निधन की घटनाओं पर चिंता जाहिर की थी। दरअसल, बैठक में भी वास्तुदोष का मुद्दा उठा था। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा था कि मैं इस पर (वास्तुदोष) भरोसा नहीं करता हूं पर कुछ तो गड़बड़ है। उधर, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी कहा कि कई विधायकों की चिंता है तो उसे दूर किया जाना चाहिए।

32 विधायक हो चुके हैं दिवंगत

1996 में विधानसभा नए भवन यानी अरेरा हिल्स स्थित इंदिरा भवन में स्थानांतरित हुई थी। वर्ष 1998 से लेकर अब तक 32 विधायकों का निधन हो चुका है। 11वीं विधानसभा (1998-2003) के दरम्यान ओंकार प्रसाद तिवारी, कृष्णपाल सिंह, दरियाव सिंह सोलंकी, मगन सिंह पटेल, रणधीर सिंह, लिखीराम कांवरे, शिवप्रताप सिंह, संयोगिता देशमुख और लालसिंह पटेल का निधन हुआ था।

इसी तरह 12वीं विधानसभा (2003-2008) में किशोरीलाल वर्मा, दिलीप भटेरे, प्रकाश सोनकर, अमर सिंह कोठार, लवकेश सिंह, लक्ष्मण सिंह गौड़ और सुनील नायक का निधन हुआ था। 13वीं विधानसभा (2008-2013) में माखनलाल जाटव, जमुना देवी, रत्नेश सालोमन, खुमान सिंह शिवाजी, हरवंश सिंह और ईश्वरदास रोहाणी का निधन हुआ।

14वीं विधानसभा में 2013 से अब तक प्रभात पांडे, राजेश यादव, तुकोजीराव पंवार, सज्जन सिंह उइके, राजेंद्र श्यामलाल दादू, सत्यदेव कटारे, प्रेम सिंह, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा और रामसिंह यादव का निधन हुआ है।

सदन ने सोमवार को मौजूदा विधानसभा के सदस्य महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, रामसिंह यादव सहित अन्य पूर्व विधायकों के साथ अन्य नेताओं को याद किया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह, बसपा विधायक दल नेता सत्यप्रकाश सखवार और पूर्व मंत्री कैलाश चावला ने अपने अनुभव साझा किए।

 

Kolar News 28 November 2017

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.