भोपाल में बने मप्र के सबसे बड़े फ्लाई ओवर का मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने किया लाेकार्पण
भाेपाल। भोपाल के नागरिकों का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना पूरा हो गया है। भोपाल में 154 करोड़ रुपये की लागत से तैयार मध्यप्रदेश के सबसे लंबे 2.73 किमी के फ्लाईओवर का गुरुवार काे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकार्पण किया। उन्होंने गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक बने इस ब्रिज का नाम जी-जी ब्रिज से बदलकर अंबेडकर ब्रिज भी कर दिया। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि ये मप्र का अब तक का सबसे लंबा फ्लाईओवर है।
मुख्यमंत्री डाॅ यादव का काफिला मैदा मिल वाले आर्म से ब्रिज पर चढ़ा और डीबी मॉल के सामने से टर्न लेकर भोपाल हाट वाले आर्म पर उतरा। मुख्यमंत्री खुली जीप में सवार थे। इसके बाद यह फ्लाई ओवर आम जनता के लिए खोल दिया गया। इस दाैरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के अधोसंरचना विकास को लेकर नागरिकों से सकारात्मक सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में जन सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। नागरिक अपने बहुमूल्य सुझाव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज सकते हैं। सरकार इन सुझावों पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी। अच्छे सुझावों पर अमल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
फ्लाई ओवर भोपाल के यातायात को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। खासतौर पर वल्लभ भवन चौराहा और गणेश मंदिर क्षेत्र के बीच ट्रैफिक जाम से अब राहत मिलेगी। राजधानीवासियों के लिए यह फ्लाईओवर एक महत्वपूर्ण सौगात है। 2734 मीटर लंबाई और 15 मीटर चौड़ाई वाला यह फ्लाई ओवर भोपाल का सबसे लंबा फ्लाईओवर है। साथ ही इसकी ऊंचाई भी विशेष है। 13 मीटर ऊंचा यह फ्लाई ओवर लगभग चार मंजिला इमारत के बराबर है। यह 92 पिलर्स पर खड़ा है। इस ब्रिज से एमपी नगर का 60 प्रतिशत ट्रैफिक यानी 6 हजार गाड़ियां हर दिन गुजरेंगी। करीब पौने 3 किमी दूरी तय करने में अब 5 मिनट का समय लगेगा। पहले सड़क मार्ग पर दो ट्रैफिक सिग्नल और चौराहों पर जाम की वजह से ये दूरी तय करने में 30 मिनट से अधिक लग जाते थे। फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2024 में पूरा हो गया था। इसे लोकार्पित करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। पहले इसे 26 दिसंबर 2024 को शुरू करने की योजना थी।
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