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सरकार फर्जी नियुक्तियों पर गिराएगी गाज
madhyprsesh farji niyukti

भर्ती नियमों को ताक पर रखकर फर्जी तरीके से हुई नियुक्तियों पर सरकार की गाज गिरेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से 12 दिन में भर्ती नियमों के खिलाफ हुई नियुक्ति या संविलियन का पूरा ब्योरा मांग लिया है। इसे एकजूट कर हाईकोर्ट, जबलपुर में प्रस्तुत किया जाएगा।

रिकार्ड 2015 से पहले और अभी तक की नियुक्तियां का मांगा गया है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फर्जीवाड़ा कर नौकरी में आए सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए सरकार को दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक 2015 में मनसुखलाल सर्राफ विरुद्ध अरुण तिवारी सहित अन्य के मामले में 2015 में तिवारी की नियुक्ति को नियमों के खिलाफ पाते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई करने और रिकवरी करने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को न सिर्फ बरकरार रखा, बल्कि अन्य विभागों में भी ऐसे लोगों की पड़ताल कर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था।

इसके मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से 12 सितंबर तक गलत तरीके से नियुक्त हुए अधिकारी-कर्मचारियों की रिपोर्ट देने के लिए कहा है। साथ ही यह भी बताने के लिए कहा कि किन के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं और किन लोगों ने कोर्ट से स्थगन लेकर रखा है। स्थगन को हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए, ये भी ब्योरे में बताना होगा। यदि कोई सेवानिवृत्त हो गया है तो उसकी पेंशन रोकने के साथ वसूली के लिए क्या कदम उठाए गए, ये भी पूछा गया है।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभागों को अपने साथ निगम, मंडल, बोर्ड, नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, जिला व जनपद पंचायत, प्राधिकरण, परिषद, परियाजनाएं, सहकारी बैंक सहित सहकारी संस्थाओं का भी ब्योरा देने होगा। इसके लिए अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को सीधे जिम्मेदार बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि निगम, मंडल और सहकारी संस्थाओं में बड़ी संख्या में नियम विरुद्ध भर्ती के मामले सामने आ सकते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यालय में विधानसभा में गलत तरीके से नियुक्तियों का मामला सामने आ चुका है। नियुक्ति निरस्त होने के साथ ही पुलिस ने कोर्ट में चालान भी प्रस्तुत कर दिया है। अरुण तिवारी का मामला भी 1995 का है। वे नगर पंचायत मउगंज में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर भर्ती हुए थे और उन्हें 1999 जल संसाधन विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर बना दिया था।

Kolar News 3 September 2017

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