Video

Advertisement


केरवा के जंगलों में चल रहे निर्माण कार्यों की अनुमति कैसे मिली
केरवा और कलियासोत  कैचमेंट

केरवा और कलियासोत के कैचमेंट वाले जंगलों में 30 लोगों को निर्माण के लिए ले-आउट किस अधिकारी ने मंजूर किया? नक्शा कैसे पास हो गया? कुछ इस तरह के सवाल जिला प्रशासन ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) व नगर निगम से पूछे हैं। निगम से यह भी पूछा गया है कि बाघ के मूवमेंट वाले इलाके में रोक के बाद भी निर्माण अनुमतियां कैसे जारी हो रही है? अब नगर निगम और टीएंडसीपी में प्रशासन के इस पत्र का जवाब देने के लिए पुरानी फाइलों की तलाश की जा रही है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 31 मई को सुनवाई करते हुए केरवा और कलियासोत डेम के आसपास चल रहे सभी निर्माण कार्यों में रोक लगा दी थी॥ इसमें 30 लोगों का रेवेन्यू रिकार्ड तलाशने के लिए जिला प्रशासन को कहा था। इसके बावजूद जिला प्रशासन रेवेन्यू रिकार्ड तलाशने की वजाए नगर निगम और टीएंडसीपी से सवाल-जवाब कर रहा है। जबकि वर्ष 1956, 1959, 1980 और 1996 के अतिरिक्त वर्तमान खसरों की जांच करने के निर्देश एनजीटी ने दिए थे। इस मामले में आगामी सुनवाई 27 जुलाई को है। जिसमें राज्य सरकार को भी जवाब देना है कि इस इलाके की कितनी जमीन सरकारी और कितनी प्राइवेट है। इसके साथ ही इलाके में जो निर्माण कार्य हुए है वे सरकारी जमीन पर है या प्राइवेट जमीन पर।

नवदुनिया ने 2 जून को इस संबंध में खबर प्रकाशित कर बताया था कि सरकार ने ही लैंड यूज बदलकर पहले निर्माण की अनुमति दी थी बाद में अब एनजीटी ने रोक लगा दी है।

एडीएम दिशा नागवंशी ने बताया केरवा-कलियासोत नदी के क्षेत्र में 30 संस्थानों को लेकर जांच चल रही है। इसके निर्माण व नक्शे की अनुमतियों को लेकर टीएनसीपी व नगर निगम को पत्र भी लिखा गया है। जानकारी आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

Kolar News 1 September 2017

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.