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अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को अगले साल राष्ट्रीय खेल प्रशिक्षण अकादमी में भेजने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। बच्चों को एकल खेल जैसे तीरंदाजी, तैराकी आदि के लिये प्रशिक्षित किया जाये। एमपी के आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने यह निर्देश विभागीय समीक्षा के दौरान दिये। बैठक में प्रमुख सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, आयुक्त श्रीमती दीपाली रस्तोगी और आदिवासी वित्त विकास निगम की संचालक श्रीमती रेणु तिवारी उपस्थित थीं।
सोशल मीडिया के जरिये भी प्रचार-प्रसार हो
श्री आर्य ने निर्देश दिये कि विभाग की उपलब्धियों का व्यापक-स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। विज्ञापन एवं होर्डिंग के अलावा अब सोशल मीडिया के जरिये भी योजनाओं की जानकारी और विभाग की उपलब्धियों को बताने की जरूरत है। श्री आर्य ने बच्चों को टाइम मैनेजमेंट की कला सिखाने के लिये आवश्यक प्रशिक्षण देने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों को अन्य आवश्यक विषयों में भी प्रशिक्षण दिया जाये। राज्य मंत्री ने कहा कि गरीब तबके से उबरे व्यक्ति, जो देश-विदेश में प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर रहे हैं या छोटे-बड़े उद्योग संचालित कर रहे हों, उनके बारे में बच्चों को बतायें, ताकि बच्चों का मनोबल बढ़े और उनकी प्रतिभा निखारने के नये-नये अवसर प्राप्त हो सकें।
राज्य मंत्री श्री आर्य ने कहा कि महिला आदिवासी समूह को अलग-अलग जिले की विशेषता और निपूर्णता के अनुसार विभागीय योजना से जोड़ें। चतुर्थ श्रेणी के बेकलॉग पद पर बैगा, सहरिया, भारिया जाति के अभ्यर्थियों के जरिये पदपूर्ति की जाये। अनुदान प्राप्त संस्थाओं की एक माह के अंदर जाँच करवायें। इस दौरान संस्थाओं का रिजल्ट और क्वालिटी अवश्य देखें।
लगभग ढाई लाख वनाधिकार पट्टों का वितरण
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वनाधिकार धारकों को 2 लाख 44 हजार 755 पट्टों का वितरण किया गया है। इसमें 2 लाख 17 हजार 245 व्यक्तिगत और 27 हजार 510 सामूहिक पट्टे शामिल हैं। आईआईएचएम संस्थान के जरिये 255 मास्टर-ट्रेनर तैयार कर जिले में जाकर प्रशिक्षण दिया गया।
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