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आम लोगों में सुरक्षा का भाव जगाने और अपराधियों में खौफ पैदा करने पुलिस प्रशासन ने नया 'सुरक्षा' प्लान बनाया है। इसके तहत शहर को 22 अलग-अलग हिस्सों में बांटने के साथ वहां फिक्स समय चैकिंग की जा रही है। यही वजह है कि ट्रैफिक से लेकर थाना पुलिस के जवान सड़कों पर नजर आने लगे हैं। वे संदिग्धों की पहचान कर उनसे पूछताछ कर रहे हैं, ताकि चैकिंग के दौरान आम लोगों परेशान न होना पड़े। दावा है कि इस व्यवस्था से एक सप्ताह में भोपाल में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैें।
सुरक्षा के नाम पर पहले पुलिस प्वाइंट पर बेरीकेड्स लगाकर चेकिंग करती थी। यह कार्रवाई हेलमेट चैकिंग तक ही सिमट जाती थी, इससे जहां आम लोग परेशान होते थे, वहीं बदमाश फायदा उठाकर वारदातों को अंजाम देते रहे हैं।
नया सुरक्षा प्लान डीआई संतोष कुमार सिंह की रणनीति का हिस्सा है। इसमें शहर को 22 अलग-अलग हिस्सों में बांटकर फिक्स समय पर चैकिंग हो रही है। मकसद सिर्फ चालान काटना नहीं है। संदिग्धों और अपराधियों को पहचान कर उनके खिलाफ ही पूछताछ करने के निर्देश हैं। यही वजह है कि चैकिंग के दौरान सभी वाहन चालकों को नहीं रोका जा रहा। इसके अलावा डीआईजी ने सभी टीआई को अपराध और संवेदनशीलता को देखते उनके इलाके के कम से कम 3 प्वाइंट चिन्हित किए हैं। इन पर अलग-अलग समय में चैकिंग हो रही है। दावा है कि इससे पूरा शहर एक सुरक्षा घेरे में आ गया है।
गांधी नगर तिराहा, नरसिंगगढ़ तिराहा, लालघाटी, खानूगांव, रेतघाट, कमला पार्क,करोंद चौराहा, 80 फिट रोड, बेस्ट प्राइज, हमीदिया रोड, प्रभात चौराहा , जेके रोड, पिपलानी रोड, आईएसबीटी, 11 मील , शैतान सिंह चौराहा, कोलार रोड, चूनाभट्टी तिराहा, रातीबड़ रोड , डिपो चौराहा, भदभदा रोड, जेल पहाड़ी, अग्रवाल धर्मशाला, सिंधी कॉलोनी रोड ।
सीमावार्ती थानों में गश्त और चैकिंग नहीं होने का फायदा उठाकर बदमाश वारदात के बाद फरार हो जाते थे। अब इन इलाकों पर रात्रि चैकिंग और गश्त का नया प्लान तैयार किया गया है। शहर में आने और जाने वालों से पूछताछ की जा रही है।
शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके जैसे एमपी नगर, टीटी नगर, चौक बाजार, दस नंबर मार्केट और बिट्टन मार्केट जैसे इलाकों पर विशेष टीम नजर रख रही है। दूसरे चरण में स्कूल और कॉलेज को सुरक्षा घेरे में लेने का फैसला लिया गया है।
थानों को बीट में बांटा गया है। बीट प्रभारी के साथ 12 पुलिसकर्मी की टीम रखी गई है। इनका काम अपनी बीट की छोटी से छोटी जानकारी के साथ सभी बदमाशों और रिकॉर्डधारी अपराधियों की जानकारी एकत्रित कर उन पर नजर रखना है। निगरानी बदमाश के वारदात करने पर बीट प्रभारी और फिर टीआई की जिम्मेदारी तय की गई है।
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