कोलार को मिलेगा केरवा से पानी , अगले महीने शुरू होगा काम
कुछ नए अधिकारी आएंगे , पुरानो का होगा पत्ता साफ़ शैफाली गुप्ता सरकार की मंशा के अनुरूप काम हुआ तो कोलार इलाके का जल संकट जल्दी दूर हो सकता है । लेकिन कोलार इलाके का इतिहास रहा है कि इस इलाके में पदस्थ अधिकारी पैसा खाने के बाद न तो काम पूरे करते हैं न और न ही जनता की सुध लेते हैं लेकिन इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद कोलार के मसले में रूचि ले रहे हैं इसलिए ऐसा लगता है कि कोलार में घूसखोर अधिकारियों की दाल न गले और जनता का पानी का मसला सुलझ जाये । सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी के सुझाव के बाद कोलार इलाके को केरवा डेम से पानी सप्लाई की नगर पालिका की सालों पुरानी 52 करोड़ रूपये की योजना को आखिरकार तकनीकी तौर पर स्वीकृति दे दी है । यह योजना अमली जामा पहनती है तो कोलार इलाके के 21 वार्डों की लगभग पौने दो लाख जनता की पानी की समस्या हल हो जाएगी। बुधवार को नगरीय प्रशासन संचालनालय में आयोजित राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया । हालाँकि इस मसले पर आला अफसरों का साफ़ कहना था कि कोलार नगर पालिका के अधिकारीयों का रिकॉर्ड ऐसा नहीं है कि वे किसी बड़े काम को ठीक से अंजाम दे पाएं । इससे पहले तक कोलार को कोलार डेम का पानी दिए जाने की मांग स्थानीय नेता और नागरिक करते रहे हैं । राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में साफ़ कहा गया कि इस प्रोजेक्ट को कोलार इलाके के सीएमओ के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता । इसकी मॉनिटरिंग के लिए अलग से अधिकारी नियुक्त किये जायेंगे ।इस योजना पर जुलाई से काम शरू किये जाने की सम्भावना है । दूसरी और कोलार के सीएमओ सत्येंद्र सिंह धाकरे का कहना है कि अगले महीने से योजना पर काम शुरू हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक केंद्र शासन की अर्बन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट स्कीम फॉर स्मॉल एंड मीडियम टॉउन (यूआईडीएसएसएमटी) योजना के तहत केरवा डेम से कोलार के सभी वार्डों तक पाइपलाइन बिछाकर पानी सप्लाई किया जाना है। इसके तहत ओवरहेड टैंक व संप टैंक, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का निर्माण किया जाएगा। वहीँ विभाग के सूत्रों का कहना है इस काम के प्रारम्भ होने तक कोलार नगर पालिका में कुछ अच्छे और कर्मठ अधिकारीयों को यहाँ नियुक्त किया जाएगा जिन्हें इस किस्म के काम को करने का तजुर्बा हो । वहीँ स्थानीय विधायका रामेश्वर शर्मा भी वर्तमान सीएमओ के काम से संतुस्ट नहीं हैं और वे भी चाहते हैं ,इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए किसी योग्य अधिकारी को सरकार कोलार में पदस्थ करे ।