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सातवें वेतनमान का फॉर्मूला तैयार
सातवें वेतनमान का फॉर्मूला तैयार

मध्यप्रदेश के पांच लाख से ज्यादा नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को सरकार एक जुलाई से सातवां वेतनमान देगी। इसके लिए वित्त विभाग ने फॉर्मूला बना लिया है। इसे अगली कैबिनेट में रखने की तैयारी हो गई है। नया वेतनमान एक जनवरी 2016 से लागू किया जाएगा। 18 माह का एरियर तीन या पांच किस्तों में नकद देने का प्रस्ताव है। वहीं, पेंशनरों की पेंशन सातवें वेतनमान के हिसाब से बढ़ाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

सूत्रों के मुताबिक कर्मचारी संगठनों की नाराजगी के बाद सरकार ने सातवें वेतनमान का फैसला इसी सप्ताह में करने का निर्णय किया था, लेकिन मंगलवार को कैबिनेट बैठक नहीं हुई। मुख्यमंत्री सचिवालय के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने बताया कि जब भी कैबिनेट बैठक होगी, उसमें वेतनमान का प्रस्ताव रखा जाएगा।

इसके लिए वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ द्वारा तय वेतनमान के फॉर्मूला का अध्ययन भी करवा लिया है। प्रदेश में वेतनमान की श्रेणी अधिक होने से यहां श्रेणियां ज्यादा रहेंगी। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि औसत 14 से 15 प्रतिशत तक वेतनमान में बढ़ोतरी हो सकती है। एरियर नकद और तीन या पांच किस्तों में दिया जाएगा। इस पर 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार सरकार के पर आएगा। वहीं, बढ़ा हुआ वेतनमान देने में करीब साढ़े चार करोड़ रुपए सालाना का भार खजाने पर पड़ेगा।

सूत्रों का कहना है कि सरकार ने बजट में पेंशन सातवें वेतनमान के हिसाब से बढ़ाने को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है। पत्रकारवार्ता के दौरान जरूर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन बढ़ाने की बात कही है। इसको लेकर वित्त विभाग को अभी तक कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिले हैं। छत्तीसगढ़ ने भी इस मामले में मौन साध रखा है। नियमानुसार पेंशन बढ़ाने पर जब तक दोनों राज्यों में सहमति नहीं बन जाती है तब तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाएगा।

Kolar News 28 June 2017

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