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कोलार में 35 साल पुराई पाइप मेन पाइप लाइन की जगह नई पाइप लाइन डालने में निगम को एनओसी नहीं मिल पा रही है। दरअसल, कोलार रोड की 17 किमी दूर तक पीडब्ल्यूडी की जमीन है और बाकी वन विभाग की। एनओसी नहीं मिलने के कारण पाइप बिछाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
नगरीय प्रशासन संचालनालय में अमृत योजनाओं की समीक्षा हुई। इसमें निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज ने इस मुद्दे को नगरीय प्रशासन आयुक्त विवेक अग्रवाल के सामने रखी। उन्होंने संबंधित विभाग के अफसरों को फोन लगाकर एनओसी देने की बात कही। अग्रवाल ने भौंरी जलप्रदाय योजना की भी जानकारी ली।
अमृत के तहत कोलार की मेन ग्रेवटी लाइन को बदलने के लिए निगम ने टाटा इंजीनियरिंग को काम सौंपा है। 172 करोड़ रुपए से कोलार की 18 किमी मेन लाइन और 40 किमी फीडर लाइन बदली जाएगी। इसका भूमिपूजन भी हो चुका है। दो साल में यह काम पूरा करने का लक्ष्य है। लेकिन एनओसी नहीं मिलने से काम अटका हुआ है।
प्रदेश के 34 शहर अमृत योजना में शामिल हैं। अग्रवाल ने सभी शहरों में निर्माण कार्यों में आ रही समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित ठेकेदारों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी चेतावनी दी कि काम ठीक नहीं होने या देरी होने पर भुगतान में कटौती की जाएगी।
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