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कोलार ,कलियासोत ,केरवा के पास बाघों के मूवमेंट के साथ ही शिकारियों का भी मूवमेंट बढ़ रहा है। इन पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने गश्त के अलावा कैमरों की भी मदद लेने का निर्णय लिया है। जिसके तहत जंगल में मुख्य स्थानों पर 5 टॉवर लगाए जाएंगे। इनका सीधा कनेक्शन भोपाल स्थित कंट्रोल रूम से होगा। इन सभी टॉवर्स पर आॅटोमेटिक कैमरे और टॉवर के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। बारिश के मौसम के साथ ही शिकारियों की कारगुजारियां तेज हो गई है। वन विभाग ने अब अपने वन रक्षकों को सतर्क कर दिया है क्योंकि बारिश शुरू होते ही वन्य प्राणियों का मूवमेंट वॉटरबाडीज के पास होने लगता है। शिकारियों पर लगाम लगाने के लिए वन विभाग ने सीहोर और औबेदुल्लागंज वन मंडल के संवेदनशील वन क्षेत्रों में विचरण करने वाले बाघों की सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी करने की योजना बनाई है। जल्द ई-सर्विलैंस सिस्टम कायम किया जाएगा।
बाघों की दृष्टि से संवेदनशील भोपाल, सीहोर और औबेदुल्लागंज वन मंडलों में वन विभाग ई-सर्विलैंस सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की मदद ली जा रही है। भोपाल वन मंडल ने इसके टेंडर भी जारी कर दिए हैं। इसके जरिए भोपाल में बैठकर तीनों वन मंडलों के वन्य प्राणियों और शिकारियों पर नजर रखी जाएगी। यह सिस्टम 24 घंटे काम करेगा।
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