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नगर निगम में ठेका हथियाने का घोटाला
nagar nigm

 पांच प्रतिशत कमीशन का आरोप झेल रहे भोपाल नगर निगम के इंजीनियरों की एक और गड़बड़ी सामने आई है। बताया जा रहा है कि इंजीनियर ई-टेंडर की फाइल खोलने के पासवर्ड अपने चहेते ठेकेदारों को देकर रखते हैं, ताकि वे पार्टियों की संख्या देकर टेंडर सबमिट कर ठेका हथिया सकें। यही नहीं कुछ बाबुओं के पास भी इंजीनियरों के पासवर्ड होते हैं, जिसे वे टेंडर देखने के लिए अपने चहेते ठेकेदारों को दे देते हैं। इससे ठेकेदार वेबसाइट पर स्थिति देखकर आसानी से ठेके ले लेते हैं।

नगर निगम ने सरकार के आदेश के बाद निर्माण कार्यों में पारदर्शिता के लिए एक लाख तक के कार्यों को ई-टेंडरिंग में शामिल कर लिया है। मकसद था कि इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत खत्म की जा सके। लेकिन इंजीनियर इस सिस्टम को भी फ्लॉप करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। नाम न छापने की शर्त पर निगम में कार्यरत कुछ ठेकेदारों ने बताया कि पासवर्ड लीक करने का खेल लंबे समय से चल रहा है। इसकी जानकारी निगम अधिकारियों को भी है, लेकिन वे इस पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।

राज्य सरकार की वेबसाइट में ऑनलाइन टेंडर होते हैं। ठेकेदार दो-दो टेंडर खरीद लेते हैं। टेंडर के आखिरी दिन तक पासवर्ड लेकर यह देख लेते हैं कि कितनी पार्टियां आई हैं। इसके बाद वे अंतिम समय में अपने टेंडर सबमिट कर ठेका हथिया लेते हैं। आखिरी समय पर टेंडर की संख्या नहीं होने या कम होने पर ठेकेदार रेट बढ़ाकर टेंडर सबमिट करते हैं। यदि ज्यादा पार्टियां होती हैं तो प्रतिस्पर्धा बढ़ने के लिए कम रेट पर टेंडर डाल दे देते हैं। इससे काम उनको मिल जाता है। टेंडर के रेट पार्टियों की संख्या देखकर तय किए जाते हैं।

ज्ञात हो कि पिछले साल बारिश के दौरान जब सड़कें जर्जर हुई थीं, उस दौरान गारंटी पीरियड की सड़कों को संबंधित ठेकेदारों से बनवाने के लिए सूची तैयार की गई थी। लेकिन निगम के यांत्रिकी शाखा को ठेकेदारों की फाइलें ही नहीं मिल पाई थीं। तत्कालीन नगरयंत्री एके नंदा के कार्यकाल के दौरान करीब 100 फाइलें गायब हुई थीं। तब खुलासा हुआ था कि ये फाइलें संबंधित ठेकेदार ही ले गए थे। जो आज तक वापस नहीं आईं। इससे वे मेंटेनेंस के खर्चे से बच गए।

अपर आयुक्त नगर निगम वीके चतुर्वेदी का कहना है मामला गंभीर है और मुझे भी इसकी सूचना मिली है। हम इस तथ्य की जांच भी कर रहे हैं। दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई की जाएगी। ठेकेदारों तक पासवर्ड न पहुंचे इसके लिए पासवर्ड को री-जनरेट कराया जाएगा।

 

Kolar News 10 June 2017

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