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किसान आंदोलन की दस्तक भोपाल में भी हो गई। रविवार की सुबह करीब 300 किसानों ने मिसरोद चौराहा होशंगाबाद रोड पर जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। बीआरटीएस कारीडोर सहित दोनों तरफ की सड़क पर सब्जियां फेंक कर जाम लगा दिया। तीन सौ लीटर दूध भी सड़क पर बहा दिया। जाम के दौरान सड़क से निकलने का प्रयास कर रहे कुछ दुपहिया चालकों के वाहन भी फिसल गए।
मिसरोद चौराहे पर सुबह से ही किसानों की भीड़ जुटने लगी थी। इस बीच किसानों का एक जत्था नारेबाजी करते हुए आया और बीआरटीएस कारीडोर सहित दोनों तरफ की सड़कों पर प्याज और टमाटर बिखरा दिए। हरी सब्जियां लौकी, भाजी और बैंगन आदि भी लोगों ने फेंके। किसानों ने करीब दो घंटे तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी चलती रही।
किसान अपने साथ एक मिनी ट्रक में दूध के आधा दर्जन बड़े-बड़े कैन भी लाए थे। उन्होंने करीब 300 लीटर दूध भी सड़क पर फैला दिया। इस बीच कुछ दुपहिया चालकों ने वहां से निकलने की कोशिश की तो वे फिसल कर गिर पड़े, लेकिन किसी को चोट नहीं आई, यह देख मौके पर मौजूद पुलिस ने एक ओर की सड़क से ट्रैफिक खुलवाया।
आंदोलनकारी अपने साथ एक ट्राली भर कर धान का भूसा भी लाए थे। किसान जब यह भूसा सड़क पर बिखराने लगे तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। समझाइश के बाद किसान भी मान गए। पुलिस को आशंका थी कि धान की इस प्याल (भूसे) में यदि कोई आग लगा देता तो आगजनी की बड़ी घटना हो सकती थी।
किसानों के साथ प्रदर्शन में जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण अवनीश भार्गव भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। उपज का डेढ़ गुना लागत मूल्य देने का वादा भी पूरा नहीं हुआ। खाद,बीज और बिजली महंगी हो गई, लेकिन फसल का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया गया। कर्ज में दबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के चलते होशंगाबाद रोड पर करीब 45 मिनट तक जाम की स्थिति बनी रही। बीआरटीएस कारीडोर में लो फ्लोर बसें नहीं चल सकीं। दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई थी।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने वहां से निकल रहे सौरभ दूध का टैंकर भी रोक लिया। कुछ किसान टैंकर का दूध सड़क पर बहाने के लिए बाल्व खुलवाने पहुंचे तो पता चला टैंकर खाली है। इसके बाद किसानों ने उसे जाने दिया।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मीडिया से कहा कि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन को उग्र स्वरूप दिया जाएगा।
किसान आंदोलन का भोपाल में मिला जुला असर नजर आया। इंदौर रोड हाईवे पर ग्राम टीलाखेड़ी के पास किसानों से दूध के टैंकर को रोका और उसका वॉल्व खोलकर दूध बहा दिया। हालांकि, पुलिस की सख्ती के कारण मिसरोद में किसान ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाए। खजूरी पुलिस में शिकायत के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दूध जबरन फेंकने का मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार ईश्वर सिंह सीहोर से दूध का टैंकर लेकर भोपाल की तरफ आ रहा था। रास्ते में खजूरी थाना क्षेत्र के ग्राम टीलाखेड़ी में तीन अज्ञात लोगों ने उनका दूध टैंकर रूकवाया और जबरन दूध को सड़क पर फैला दिया। जबकि इधर, मिसरोद में तनाव की स्थिति बनते - बनते रह गई जब विरोध कर रहे किसानों ने मंडीदीप की तरफ से आए दूध वाहन को रोक लिया। दूध वाहन रुकते ही नारेबाजी करते हुए किसान उसमें तोडफ़ोड़ करने के लिए आगे बढ़ रहे थे। तभी पुलिस ने हल्का प्रयोग कर उनको खदेड़ दिया।
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