स्ट्रक्चरल इंजीनियर एसोसिएशन के सचिव राजनाथ पाल कहते हैं बिल्डिंग परमिशन के काम में हमारी बिल्कुल भी रुचि नहीं है। निगम अपनी जिम्मेदारी से भागना चाहता है और कार्रवाई का मौका आए तो हम पर आरोप रख दें। एेसा नहीं होगा।
आर्किटेक्ट शैलेंद्र बागरे का कहना है निगम के साथ ही नगरीय प्रशासन और टीएंडसीपी अधिकारी भी बैठक कर चुके हैं, लेकिन मामला मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पर ही अटक रहा है। शहर में 90 फीसदी भवन निर्माण अनुमति से उलट बनते हैं, एेसे में हम कैसे इसे रोक पाएंगे।
नगरनिगम कमिश्नर छवि भारद्वाज का कहना है दिसंबर 2015 का आदेश है इस योजना को लागू करने का। अब अधिक इंतजार नहीं किया जा सकता। हमने सबकी समस्याओं को सुनने और प्रक्रिया को सरलीकरण करने 23 को सबको बुलाया है। कोई बड़ा मुद्दा नही है, हल निकल जाएगा।
Other Source
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |