Video

Advertisement


कोलार में हैं अवैध कॉलोनियों की भरमार,मूलभूत सुविधाओं को तरसे लोग
कोलार news

कोलार क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की भरमार है। 200 अवैध कॉलोनियों में से मात्र 22 कॉलोनियां ही नगर निगम के हैंडओवर हैं। नतीजन लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम में हैंडओवर न होने से अवैध कॉलोनीवासियों को तमाम मूलभूत सुविधाएं पैसे खर्च कर जुटाना पड़ रही हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ अवैध कॉलोनियों में सुविधाएं नहीं मिल रहीं, जो कॉलोनी नगर निगम के हैंडओवर हो चुकी हैं उनकी हालत भी ठीक नहीं हैं। लिहाजा नगर निगम के अफसरों के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। जबकि कॉलोनियों में सुविधाओं को लेकर रहवासियों ने विधायक, महापौर, नगर निगम कमिश्नर, कलेक्टर से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं।  कोलार में सिर्फ 22 कॉलोनियां ही निगम को हैंडओवर है। इन कॉलोनियों के हालात गांव से भी बदतर हैं।  

कॉलोनियों में न तो चलने लायक सड़कें हैं और न ही पीने का पर्याप्त पानी लोगों को नसीब हो रहा। जगह-जगह सीवेज चैंबर ओवर फ्लो हो रहे हैं। ज्यादातर सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है। रहवासियों का कहना है कि निगम रहवासियों से टैक्स वसूलने में पीछे नहीं है, लेकिन उनकी समस्याएं जस की तस हैं।

नगर निगम में कोलार और 141 गांवों का विलय होने से शहर में अवैध कॉलोनियों की संख्या दोगुनी हो गई है। यह वे कॉलोनियां हैं जो गांवों में कृषि की भूमि पर बिना डायवर्सन के काटी गई हैं और इनको जिला प्रशासन ने अवैध घोषित कर दिया था। विलय होने के बाद यह कॉलोनियां निगम सीमा में आ गर्इं। इसके बाद कॉलोनियों को नियमों के अनुसार वैध करने का रास्ता साफ  नहीं हो सका। 

 इन अवैध कॉलोनियों में पानी, सड़क और बिजली की व्यवस्था निगम नहीं कर सका। शर्तें पूरी न करने के कारण 16 साल में निगम एक भी कॉलोनी को वैध नहीं कर पाया। अवैध कॉलोनियों में आबादी करीब 10  लाख।

 कोलार इलाके के जेडओ शैलेन्द्र चौहान का कहना है कॉलोनियां हैंडओवर करने के लिए मुख्यालय से संपर्क करना होगा, जो आवेदन करता है, उसे हम मुख्यालय भेज देते हैं। कई कॉलोनीवासी आते हैं। 

 

Kolar News 22 May 2017

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.