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कोलार में पेयजल परियोजना के लिए केरवा जलाशय पर आधारित योजना का काम पिछले तीन साल से चल रहा है। उपनगर के अब तक के सबसे बड़े 56 करोड़ रुपए के पेयजल प्रोजेक्ट के काम में ठेकेदार की लापरवाही लगातार खुलकर सामने आ रही है। इसमें पार्षदों और बड़े नेताओं की शह ठेकेदार को मिली हुई है।
पेयजल पाइपलाइन बिछाने के लिए ठेकेदार द्वारा वार्ड 80, 81, 82, 83 और 84 में काम किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा पाइपलाइन डालने के लिए खोदे गए गड्ढों में खुदाई के दौरान सीवेज भर गया है। इसके बाद भी ठेकेदार ने लापरवाही करते हुए इन सीवेज भरे गड्ढों में पेयजल की लाइन को बिछा रहे हैं। ऐसे में भविष्य में यदि पाइप लाइन डेमेज हुई या टूटी, तो लोगों को कैसा पानी मिलेगा। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। कोलार में पेयजल लाइन बिछाने के दौरान खूब लापरवाही हो रही है। आए दिन जनता अफसरों को शिकायत कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन का जल कार्य विभाग आंख में पट्टी बांधे हुए हैं। सारी गड़बड़ियां होती जा रही हैं और जिम्मेदार अफसर और नेता कभी मौके पर नहीं दिखते हैं। सूत्रों के अनुसार ठेकेदार के इशारे पर नेता और अफसर जानबूझकर मौके पर नहीं जा रहे हैं, ताकि वह खुलकर गड़बड़ी कर सके।
ठेकेदार द्वारा जेसीबी से पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा है। नवसीखिया लोग काम कर रहे हैं। इस कारण अधिकांश कॉलोनियों में पहले से बिछी पेयजल लाइनें टूट रही हैं। काम करने वाले कोई जवाब नहीं दे पाते। पानी की लाइनें टूटने के कारण भी जनता को परेशानियां उठानी पड़ रही है।
पेयजल योजना के ठेकेदार द्वारा काम के दौरान खूब लापरवाही की जा रही है।
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