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विक्टोरिया कॉलेज में डीएड परीक्षा में फर्जीवाड़ा
विक्टोरिया कॉलेज में फर्जीवाड़ा

 

विक्टोरिया कालेज ऑफ एजुकेशन भोपाल द्वारा डीएड में बाहरी छात्रों को प्रवेश दिलाकर परीक्षा में पास कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। कालेज प्रबंधन ने प्रवेश लिए छात्रों केस्थान पर दूसरे छात्रों से परीक्षा दिलाकर पास भी करवा दी, लेकिन माशिमं द्वारा एक छात्रा का मार्कशीट पर लगा फोटो नहीं बदलने के कारण यह गोरखधंधा खुलकर सामने आ गया।अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एमपी नगर पुलिस ने कालेज प्रबंधन व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज जांच शुरू दी है।

एमपी नगर पुलिस के अनुसार हाईकोर्ट की रिट पिटिशन क्रमांक 1907/ 15 सविता खिलाफ मप्र शासन के संबंध में हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा 6 मार्च 17 को पारित आदेश के पालन में डीआईजी भोपाल द्वारा जांच समिति का गठन किया गया था। जांच में पाया गया कि विक्टोरिया कॉलेज ऑफ एजुकेशन भोपाल के प्रबंधन एवं कर्मचारियों द्वारा धनलाभ लेने के आशय से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर छात्रों को डीएड परीक्षा में न केवल प्रवेश दिया। बल्कि परीक्षा पास कराने और अंकसूची व सर्टिफिकेट प्राप्त होने तक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की ।

विक्टोरिया कालेज ऑफ एजुकेशन भोपाल से वर्ष 2010 से 2012 के बीच दिल्ली की रहने वाली सविता पिता दयानंद ने डीएड की परीक्षा थी। परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित कराई गई थी। छात्रा को मिली अंकसूची में उसका फोटो गलत था। छात्रा ने फोटो बदलने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल में आवेदन किया। मंडल ने फोटो बदलने से मना कर दिया। इससे छात्रा ने हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने शासन को नियमानुसार फोटो बदलने के लिए कहा। इस पर शासन ने परीक्षा आवेदन फार्म व परीक्षा केंद्र में फोटों के अलग-अलग होने का जबाव प्रस्तुत कर दिया। इससे हाईकोर्ट जबलपुर में पूरे मामले की जांच के आदेश डीआईजी भोपाल को दिए।

डीएड प्रथम वर्ष परीक्षा 2010 व 2011 एवं द्वितीय वर्ष 2011 व 2012 में विक्टोरिया कालेज ने 50 छात्रों को प्रवेश दिया गया था। दिल्ली निवासी सविता पिता दयानंद के डीएड में लिए गए प्रवेश आवेदन पत्र के फोटो तथा परीक्षा के लिए आनलाइन भरे गए आवेदन पत्र पर लगा फोटो अलग-अलग है। परीक्षा उत्तीर्ण के बाद जारी की गई अंकसूची डीएड प्रथम वर्ष से लगा फोटो कालेज में प्रवेश के लिए भराया गया आवेदन पत्र पर लगे फोटो से अलग है। जांच में सामने आया है कि विक्टोरिया कॉलेज आफ एजुकेशन के प्रबंधन एवं कर्मचारियों द्वारा सिर्फ और सिर्फ इन छात्रों से धनलाभ के आशय से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर छात्रों को परीक्षा में प्रवेश दिलाकर परीक्षा में पास कराने व अंकसूची देने तक धोखाधडी की गई। अब उन बाकी 50 छात्रों के भी दस्तावेज की जांच की जा रही है। जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे। पुलिस अब जांच के बाद आगे आरोपियों के नामों का खुलासा करेगी।

विक्टोरिया कॉलेज प्रबंधन ने अपनी वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर 9203901676, 79 दोनों ही बंद मिले। जानकारी के मुताबिक कॉलेज प्रबंधन में फैजल खान प्रमुख है। जब इनसे संपर्क किया गया तो इन्होंने भी मोबाइल नहीं उठाया।

 

 

Kolar News 14 April 2017

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