मुख्यमंत्री चौहान ने प्रतिनिधि-मंडल को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने परियोजना की वायबिलिटी के लिए तर्कपूर्ण दर निर्धारण की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा की दरों में संतुलन आवश्यक है। दरें इतनी कम भी नहीं होनी चाहिए कि परियोजना संचालन संभव नहीं रहे। साथ ही इतनी अधिक भी नहीं हो कि उपभोक्ता की क्रय क्षमता के बाहर हो जाये। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि विभागीय अधिकारी निवेशकों के साथ चर्चा कर उनकी समस्याओं के हल के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने वर्ष 2022 तक पवन ऊर्जा की खपत के लक्ष्य को त्रै-वार्षिक चरण में आबद्ध करने की जरूरत बतलाई।
बैठक में प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मो. सुलेमान, प्रमुख सचिव ऊर्जा आई.सी.पी. केशरी, प्रमुख सचिव नवीन नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.के. मिश्रा, प्रबंध संचालक पॉवर मेनेजमेंट कंपनी संजय शुक्ला, रिन्यू पॉवर वेन्चर के चेयरमेन सुमंत सिन्हा, हीरो फ्यूचर एनर्जीस के सी.ई.ओ. सुनील जैन, रीजन पॉवरटेक के चेयरमेन मधुसूदन खेमका, ओस्ट्रो एनर्जी के सी.ई.ओ. मुरली एस, क्वांटम एनर्जी के उपाध्यक्ष गौतम चोपड़ा, सेबकॉप के सी.ई.ओ. संजय चतुर्वेदी, ओरेंज रीन्यूएबल के सी.ई.ओ. सुधीर नुनेस, गमेसा इंडिया के एम.डी. रमेश किमाल, आयनॉक्स के उपाध्यक्ष वेंकटेश सोन्टी और विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
Other Source
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |