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अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले राज्य सरकार आम उपभोक्ता को बिजली बिल में इजाफे का तगड़ा झटका दे सकती है। बिजली कंपनियों द्वारा विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए प्रति यूनिट बिल वृद्धि के प्रस्ताव में करीब 11 प्रतिशत बढ़ोतरी करने के लिए कहा गया है और माना जा रहा है कि पांच से सात फीसदी तक बिजली बिल बढ़ाने को मंजूरी आयोग दे सकता है। विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा बिजली के प्रस्तावित दामों में वृद्धि को लेकर दिए गए प्रस्तावों पर सुनवाई के बाद अब तक अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अब जबकि नया वित्त वर्ष आज से शुरू हो गया है तो नए टैरिफ लागू करने का आदेश आयोग आज कल में दे सकता है। प्रदेश टुडे की पड़ताल के बाद यह बात सामने आई है कि कंपनियों के 11 प्रतिशत के प्रस्ताव को अमान्य भी किया गया तो पांच से सात फीसदी तक की वृद्धि को मंजूरी मिलेगी। इसकी वजह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। वर्ष 2018 के चुनाव के पहले टैरिफ में वृद्धि नहीं होगी। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि इसी साल पर्याप्त बढ़ोतरी कर ली जाए ताकि अगले साल की भी भरपाई हो सके। इसी कारण कम्पनियों ने 11 प्रतिशत तक का वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।
चालू साल के लिए भेजे गए प्रस्तावों में कम्पनियों ने इंडस्ट्री सेक्टर को काफी राहत देने की तैयारी की है। जो नए उद्योग आने वाले हैं, उनके लिए एक रुपए प्रति यूनिट की छूट देने का प्रस्ताव आयोग के पास भेजा गया है। इसी तरह पुराने उद्योगों को बिजली बिल में 50 पैसे प्रति यूनिट की और राहत देने की बात कही गई है। इसके अलावा बाहर से पावर लेने वाले उद्योगों को 2 रुपए प्रति यूनिट के मान से रियायत दी जा सकती है। इतना ही नहीं उद्योगों को अधिक से अधिक बिजली खपत के लिए भी प्रोत्साहित किया जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत अब तक 102 किलोवाट से अधिक की खपत करने वाली लगने वाली पेनाल्टी से उद्योगों को राहत दी जा सकती है। इसके लिए पेनाल्टी की सीमा 115 किलोवाट करने का प्रस्ताव है।
सरकार बगैर मीटर लगाए बिजली का उपयोग करने वालों पर भी मेहरबान होने जा रही है। इसकी वजह चुनावी तैयारी है क्योंकि ऐसा उपभोक्ता झुग्गियों, सरकारी जमीन पर काबिज रहता है। बिजली कम्पनियों ने इन्हें अनमीटर्ड कंज्यूमर का दर्जा दिया है। ऐसे अनमीटर्ड कंज्यूमर को शहर में 100 यूनिट और गांव में 75 यूनिट की रियायत के बाद पांच रुपए से अधिक का बिल प्रति यूनिट वसूला जाता है। अब इन्हें भारी राहत दी जा सकती है। उनके बिल में पांच रुपए से अधिक प्रति यूनिट लगने वाले चार्ज को आधा करने का प्रस्ताव है।
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