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दिगज्योति बिल्डर की गड़बड़ी मामले में जिला पंजीयक अधिकारी ने दो टूक कहा कि अब अनाधिकृत रूप से किसी भी बुकिंगकर्ताओं की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। उन्होंने बिल्डर के प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री की जांच को आगे बढ़ाते हुए फैसला लिया है कि जब तक बिल्डर रजिस्ट्री आॅफिस में पुराने लोगों की करवाई गई रजिस्ट्री के दस्तावेज का सत्यापन नहीं करवाता है तब तक नई रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
जिला पंजीयक अधिकारी ने इस मामले में उपपंजीयक अधिकारी जमील अहमद खान को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अब बिल्डर को दलालों की जगह अधिकारी से रजिस्ट्री की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए हाजिरी देनी पडेगी, बिल्डर अभिषेक सिंह पुरानी रजिस्ट्री का पेपर दिखाने के बाद ही नई रजिस्ट्री करवा सकेगा। दिग ज्योति के बिल्डर अभिषेक सिंह अपने गुर्गे राजेश ढोंगरा को सामने रखकर रजिस्ट्री करवाता आ रहा है। ढोंगरा रजिस्ट्री को आॅनलाइन होने के चलते बाहर टोकन व टाइम स्लॉट ले लेता था, जब बुकिंगकर्ताओं की रजिस्ट्री का टाइम स्लॉट आता था तब उसी दौरान बिल्डर अभीषेक को चोरी छुपे रजिस्ट्रार कार्यालय में दाखिला करवाकर बाकि बुकिंगकर्ताओं की रजिस्ट्री करवा देता था, लेकिन पिछले कुछ महिनों से बिल्डर का यह खेल अधिकारी को समझ में आ गया है इसलिए उनका कहना है कि अब पुरानी रजिस्ट्री के सत्यापन के बाद ही आगे की रजिस्ट्री की जाएगी। अब कोई फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। कोशिश है कि जल्दी ही रजिस्ट्री गड़बड़ी करने वाले बिल्डर और उसके गुर्गे को धर दबोचा जाएगा। इसके लिए जिला पंजीयक स्तर पर जांच चल रही है।
जिला पंजीयक अधिकारी का कहना है कि रजिस्ट्री के दौरान उनके फोटो, एड्रेस और नाम आदि सभी डिटेल ली जाएगी। इसके बाद उनके नाम की रजिस्ट्री को उनके फोटो सहित कंप्यूटर पर आॅनलाइन भी मिलाया जाएगा। वास्तविक कीमत ओर रजिस्ट्री में की गई कीमत को परखा जाएगा।
यदि आप अपने मकान या फ्लैट की रजिस्ट्री कराने जा रहे,तो वास्तविक प्रोजेक्ट के पेपर्स की पड़ताल जरूर कर ले। ऐसे में जरूरी है कि हम डेवलपर या बिल्डर से उस जमीन की रजिस्ट्री जरूर मांग लें जिस पर यह प्रोजेक्ट बनना है। अधिकतर मामलों में रजिस्ट्री से यह साफ पता चल जाता है कि जमीन पर विवाद तो नहीं है। बैंक केवल उन्ही जमीनों पर लोन देता है जिसपर किसी तरह का कोई विवाद न हो। इसके अलावा बिल्डर के प्रोजेक्ट में कितने टावर, कितने फ्लैट और कितने मंजिल को मंजूरी मिली है यह बात एथोरिटी की ओर से अप्रूव्ड लेआउट मैप भी जरूर देख लें। अक्सर ये बातें बिल्डर बताते नहीं हैं। इसके अलावा आप रजिस्ट्री कराने जा रहे है तो उसके तय कीमत के बारे में पता करे कि बिल्डर ने जितना पैसा लिया है उतने पैसे की रजिस्ट्री की या नहीं। जहां प्रोजेक्ट बन रहा है उस जगह को खुद जाकर विजिट करें। इससे जहां आप एक ओर आपके फ्लैट में इस्तेमाल होने वाले रॉ मैटेरियल को देख पाएंगे, वहीं दूसरी ओर फ्लैट में लिखे सुपर एरिया को अपने फ्लैट का साइज की पुख्ता जानकारी ले। आगे हम दिग ज्योति ओर अन्य बिल्डर द्वारा गढबड़ी किए जाने के मामले एक के बाद एक उठाते रहेगे।
जिला प्रशासन की जमीनों की रजिस्ट्री की भी आॅनलाइन टाइम स्लॉट पर निगरानी रहेगी। इसके अलावा जमीन से जुड़े कई तरह के फ्रॉड की जानकारी सहित दस्तावेज विभाग जुटा रहा है। आॅनलाइन होने के बाद फ्लैट वास्तविक कीमत और बुकिंग की गई कीमत से मिलान किया जाएगा। संबंधित बुकिंगकर्ताओं की पूरी डिटेल कम्प्यूटर पर देखकर निर्णय लेगा कि जमीन के कागज सही हैं या नहीं। इसके अलावा बिल्डर के प्रोजेक्ट ओर बुकिगकर्ताओं के रेकॉर्ड देखा जा सकता है।
सलैया स्थित एक्सटेंशन ई-8 प्रोजेक्ट की गड़बड़ी की शिकायत मिली है। जिला पंजीयन कार्यालय में बिल्डर द्वारा फ्लैट खरीददारों को कम दर पर रजिस्ट्री की गई है। जबकि पैसे इससे अधिक लिए गए हैं। इसमें बाजार मूल्य से ज्यादा या कम पर हुई रजिस्ट्रियों की जांच की जा रही है। दिग ज्योति के बिल्डर ने लाइफ स्टाइल ब्लू प्रोजेक्ट में बुकिंगकर्ताओं से फ्लैट के पूरे पैसे लिए हैं,लेकिन रजिस्ट्री कम दर पर की गई है।
उदाहरण के तौर पर यदि 2 बीएचके फ्लैट की कीमत 22 लाख रूपए है तो उनकी रजिस्ट्री 12 लाख रूपए में की गई ओर यदि 3 बीचएचके फ्लैट की कीमत 28 लाख रूपए है तो उसकी रजिस्ट्री करीब 15 लाख में कराई है,इन लोकेशन पर प्रॉपर्टी के खरीद-फरोख्त, बैंक लोन लेने ओर बाजार मूल्य से ज्यादा-कम पर रजिस्ट्री की जॉच की जाएगी। विभागीय जॉच में उप पंजीयक अधिकारी जमील अहमद खान से प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री सबंधित जानकारी मांगी है।
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