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कोलार के किड्जी प्ले स्कूल में स्कूल संचालक द्वारा एक तीन साल की बच्ची से रेप और एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षक द्वारा दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा से ज्यादती के मामले को बाल आयोग ने संज्ञान में लिया है। बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने मामले के संबंध में रिपोर्ट मांगी। इन दोनों ही मामलों में पुलिस का पीड़ितों के साथ घटिया व्यवहार और आरोपियों को बचाने की मंशा सामने आयी हैं।
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा के अनुसार बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है। पुलिस थाने में दर्ज रिपोर्ट में कई खामियां है। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से अब तक 45 बार बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है। इस बारे में पूछने पर थाना प्रभारी ने बताया कि टाइपिंग मिस्टेक के कारण ऐसा हुआ है। शर्मा ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि बच्चों के साथ होने वाले अपराध के मामले में जिन नियमों का पालन किया जाना था, वह भी नहीं किया गया है। मामला दर्ज होते ही बाल कल्याण समिति को इसकी रिपोर्ट दी जानी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने एक एनजीओ को इसकी सूचना दी। शर्मा ने बच्ची की सुरक्षा के लिए उसके घर के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात कराने के लिए भी कहा।
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने अवधपुरी और कोलार पुलिस स्टेशन के रवैये को पुलिस की कार्यप्रणाली के विपरीत बताया।
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