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डॉ. कान्हेरे म.प्र. भोज (मुक्त) विश्‍वविद्यालय के कुलपति नियुक्त
डॉ. कान्हेरे म.प्र. भोज (मुक्त) विश्‍वविद्यालय के कुलपति

 

कुलाधिपति और राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने डॉ. रवीन्द्र आर. कान्हेरे परीक्षा नियंत्रक म.प्र. लोक सेवा आयोग, इंदौर को मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्‍वविद्यालय, भोपाल के कुलपति के पद पर नियुक्त किया है।

डॉ. कान्हेरे की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, की कुलावधि के लिए की गई है।   

अंतत: भोज यूनिवर्सिटी के कुलपति रजिस्ट्रार को मिल गई सैलरी

एक साथ फाइल बनने से आॅडिट ने रोका था फरवरी का वेतन

भोज मुक्त विश्वविद्यालय के आॅडिट ने कुलपति डॉ. तारिक जफर और रजिस्ट्रार मनोज कुमार तिवारी सहित करीब बीस अधिकारी व कर्मचारियों का फरवरी माह का वेतन 16 मार्च को आवंटित किया है। जबकि उन्हें वेतन माह की पहली या दूसरी तारीख तक मिल जाता है। समय पर वेतन नहीं मिलने से अधिकारियों में हलचल मची हुई थी। वेतन में विलंब होने से कर्मचारी भी  बच्चों की फीस के साथ मार्च का माह होने पर इनकम टैक्स की परेशानी से जूझ थे।

 कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रतिनियुक्ति से आए अधिकारी व नियमित कर्मचारियों सहित बीस लोगों के वेतन की एक फाइल बनती थी। इसके बाद दैनिक वेतन भोगी का मानदेय और संविदा से नियमित किए गए कर्मचारियों के वेतन की फाइल अलग से बनती थी। आडिट कुलपति सहित अधिकारियों की फाइल पर वेतन जारी कर देता था। विवि प्रबंधन ने कुलपति के साथ सभी कर्मचारियों की फाइल को एक साथ बना दी। इससे आडिट ने वेतन पर आपत्ति लगा दी थी। इसके कारण अधिकारियों तक को वेतन की लेटलतीफी का सामना करना पड़ा। आपत्तियों का निराकरण होने के बाद वेतन की फाइल को स्वीकृत किया गया है। 

 आगामी सप्ताह में प्रबंधन बोर्ड की बैठक में बजट प्रस्तुत होना है, इसके बाद भी आडिट ने इनका वेतन रोकने में संकोच नहीं किया। अब 21 मार्च को विश्वविद्यालय की प्रबंध बोर्ड की बजट बैठक है। इसमें कुलपति और रजिस्ट्रार के वेतन रोकने पर चर्चा होगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

 रजिस्ट्रार ट्रांसफर के लिए लगा रहे मंत्री के चक्कर 

भोज मुक्त विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मनोज कुमार तिवारी अपना स्थानांतरण मालवा क्षेत्र के विवि में कराना चाहते हैं। इसके लिए वे उच्च शिक्षामंत्री जयभान पवैया के चक्कर काट रहे हैं। विधानसभा में व्यस्त होने के कारण पवैया उन्हें तवज्जो तक नहीं दे रहे हैं। वहीं प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय ने मंत्रालय में अपने कक्ष के बाहर स्थानांतरण संबंधी चर्चा नहीं करने का पर्चा चस्पा कर रखा है। तेज तर्रार शैली से कार्य करने वाले पीएस उपाध्याय से स्थानांतरण को लेकर रजिस्ट्रार तिवारी बात करने से कतरा रहे हैं। वे लंबे समय से बीमार हैं। शासन ने उन्हें 26 जून 2015 को भोज विवि भेजा था। उनकी नौकरी के करीब साढ़े सौ दिन पूरे हो गए हैं, जिसमें उनकी 380 दिनों की छुट्टियां शामिल हैं। उन्होंने 16 मार्च को  दो दिन की छुट्टी का आवेदन कुलपति डॉ. तारिक जफर को दिया है। इधर रजिस्ट्रार तिवारी का प्रभार एनसी जैन को दिया गया है। वे कोई फाइल को ओके करते हैं तो तिवारी अवकाश से लौटकर फाइलों पर लंबी टीप लगा देते हैं। इससे विवि के काम बनने की जगह बिगड़ने लगे हैं। 

 

 

Kolar News 18 March 2017

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