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नगर निगम के अगले साल के बजट में शहर में सीवेज और ड्रेनेज नेटवर्क के लिए 1500 करोड़ रुपए की योजना शुरू करने की घोषणा हो सकती है। केंद्र की अमृत योजना के तहत इसकी डीपीआर केंद्र को भेजी गई है। साथ ही बाणगंगा, बाबा नगर, गांधी नगर और जाटखेड़ी में हाउसिंग फॉर ऑल के तहत मकान बनाने का काम भी अगले वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगा। अरेरा हिल्स पर पार्क और कोलार की समानांतर पाइप लाइन के काम भी इस बजट में शामिल होंगे।
निगम का 2017-18 का पूरा बजट केंद्र सरकार की अमृत और हाउसिंग फॉर ऑल जैसी योजनाओं के भरोसे होगा। इन दोनों प्रोजेक्ट में मंजूर और प्रस्तावित योजनाओं को बजट में शामिल किया जाएगा। बजट में कोई नया कर नहीं होगा और संपत्ति कर में भी कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही छतों से किराया और होर्डिंग संचालकों पर बकाया जैसी आय नजर नहीं आएंगी।
नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज ने कहा इस बार हम वास्तविक बजट बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बजट पर अभी बैठकों का दौर चल रहा है। हम प्रस्ताव तैयार कर एमआईसी भेजेंगे। -
इस बार बजट 1500 करोड़ के आसपास होगा। इसमें खुद की आय का आंकड़ा 350 करोड़ के आसपास होगा। बजट में उन्हीं घोषणाओं को शामिल किया जाएगा, जो पूरी की जा सकंे। अब तक एचएफए और अमृत के तहत कई प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं या उनके टेंडर हो चुके हैं। इनमें से जिन पर काम शुरू हो सकता है उन्हें बजट में प्रमुखता से रखा जाएगा।
2100 करोड़ के पिछले बजट में नगर निगम के खुद के केवल 250 करोड़ रुपए थे। करीब 400 करोड़ रुपए जनभागीदारी के नाम पर जनता से वसूले जाने की बात कही गई थी और लगभग 500 करोड़ रुपए लोन था। शेष करीब 1000 करोड़ रुपए अलग-अलग योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाला अनुदान था।
निगम की जनभागीदारी से निगम की आय लगभग शून्य रही। होर्डिंग संचालकों पर बकाया 150 करोड़ भी निगम नहीं वसूल सका जबकि इसे संभावित आय में दिखाया गया था। छतों को किराए पर देकर 250 करोड़ रुपए कमाई की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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