प्रेक्षक, निर्वाचन आयोग के आँख-कान
प्रशिक्षण में राज्य निर्वाचन आयुक्त परशुराम निर्वाचन प्रेक्षक राज्य निर्वाचन आयोग के आँख-कान हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त आर.परशुराम ने यह बात नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए नियुक्त प्रेक्षकों के प्रशिक्षण में कही।श्री परशुराम ने कहा कि प्रेक्षक निष्पक्ष रूप से कार्य करें। निर्वाचन प्रेक्षकों की भूमिका औपचारिक नहीं निर्णयात्मक है। श्री परशुराम ने कहा कि ई-व्ही.एम. की तैयारी पहली बार जिले के अलावा नगरीय निकाय और विकासखण्ड स्तर पर होगी।सचिव श्री जी.पी श्रीवास्तव ने कहा कि प्रक्रिया और आयोग के निर्देशों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रेक्षकों की है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों के सुझावों पर आयोग द्वारा त्वरित कार्यवाही की जायेगी। उप सचिव श्री गिरीश शर्मा ने निर्वाचन कर्त्तव्य प्रमाण-पत्र, आदर्श आचरण संहिता, पेड न्यूज, कानून व्यवस्था और कम्युनिकेशन प्लान के बारे में बताया। लेखाधिकारी श्री प्रदीप शुक्ला ने नाम निर्देशन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। प्रेक्षकों को ई.व्ही.एम. की कार्य-प्रणाली, व्यय लेखा मॉनीटरिंग और मतगणना प्रक्रिया की भी जानकारी मास्टर ट्रेनर्स ने दी।राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री आर.परशुराम ने आज आयोग के प्रेक्षकों के लिए निर्देश पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पुस्तिका में आयोग द्वारा जारी निर्देशों को सरल रूप में संकलित किया गया है। परशुराम ने बताया कि नगरीय निकाय निर्वाचन से संबंधित 17 मेन्युअल, 4 प्राइमर, 8 चेक लिस्ट और एक चेक लिस्ट कम्पेंडियम का प्रकाशन किया जा चुका है। इसके साथ ही 4 फिल्म भी बनायी गयी हैं।आदर्श आचरण संहिता उल्लंघन के संबंध में दो अधिकारी को नोटिसराज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के आम निर्वाचन-2014 के लिये प्रभावशील आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन के मामले में आज दो अधिकारी को नोटिस जारी कर शाम तक स्पष्टीकरण माँगा गया। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग जी.पी. श्रीवास्तव ने 7 नवम्बर की सुबह प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास से समाचार-पत्र में प्रकाशित खबर 'अब आर्किटेक्ट देंगे बिल्डिंग परमिशन'' और समाचार-पत्र में प्रकाशित खबर 'जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र 7 से 60 दिन में बनेंगे'' पर सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग को स्थिति स्पष्ट किये जाने के निर्देश दिये थे।इस संबंध में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास एस.एन. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि विभाग की किसी योजना की घोषणा का उद्देश्य नहीं था। इस संबंध में विभाग द्वारा कोई विज्ञप्ति भी नहीं जारी की गई। सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग श्री हरिरंजन राव ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अधीन लाया जा रहा है, लेकिन विभाग द्वारा आज समाचार-पत्र में प्रकाशित योजना के बारे में कोई भी विज्ञप्ति नहीं जारी की गई।राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा अनुशंसा की गई कि विभाग द्वारा आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के दौरान किसी भी तरह की नई सेवाओं और योजनाओं, जिनका कार्य-क्षेत्र नगरीय निकाय हो सकते हैं, के संबंध में घोषणा पर नियंत्रण रखा जाये। उन्होंने नगर पालिका निर्वाचन के लिये शासकीय विभागों एवं कर्मचारियों के लिये आदर्श आचरण संहिता की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा या छूट देना या किसी नई योजना की स्वीकृति जारी करने पर प्रतिबंध है। श्री परशुराम ने कहा कि इसका आशय यह भी है कि आगे की भावी योजनाओं अथवा आकांक्षाओं को भी मुखरित करने में आदर्श आचरण संहिता की अंतर्विहित भावनाओं का आदर किया जाये।