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पुलिस के पास जो सीसीटीवी फुटेज हैं वह स्कूल ने कराए थे उपलब्ध
तीन साल की मासूम के साथ ज्यादती के आरोपी के जेल जाने के बाद पुलिस अब साक्ष्य जुटाने में लग गई है। पुलिस ने बच्ची की अतिसंवेदनशील अंग के आसपास के स्थान के कुछ नमूने मेडिकल जांच के लिए भेजे हैं। इसकी रिपोर्ट के आने के बाद नौबत आई तो आरोपी का डीएनए भी करा सकती है, फिलहाल, पुलिस अफसर ऐसी ही बात कह रहे हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज देख लिए हैं, पुलिस को फुटेज में घटना से संबंधित कुछ भी नहीं मिल पाया है। हालांकि, स्कूल के किचन को सीसीटीवी के दायरे से बाहर रखा गया था।
गौरतलब है कि किड्जी स्कूल गिरधर परिसर के संचालक अनुतोष प्रताप सिंह पर अपने ही स्कूल की तीन साल की मासूम की छात्रा के साथ ज्यादती के आरोप लगाने के बाद उनको पुलिस ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। जहां बुधवार को कोर्ट में पुलिस द्वारा उनकी रिमांड न मांगने के बाद 14 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया था। अब पुलिस को आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जमा करने हैं। इसके लिए क्राइम ब्रांच जांच में जुट गई है। जांच के दौरान पीएचक्यू के निर्देश के बाद बच्चों से पूछताछ के दौरान सभी नियमों को फॉलो किया जा रहा हैं ।
तीन साल की मासूम के मामले में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जमा करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम को पीएचक्यू की गाइडलाइन फॉलो करनी पड़ रही है। महिला एएसपी रश्मि मिश्रा और एसआई वंदना सिंह को सिविल ड्रेस में पीड़िता के घर और स्कूल में जाकर जांच करना पड़ रही है। पुलिस के यह दोनों अफसर पूछताछ के लिए मासूम और उसकी मां को अब थाने नहीं बुला सकती हैं। उनको सिविल ड्रेस में रहकर मासूम से पूछताछ करेंगी।
पुलिस मासूम और उनकी मां के बयानों के लिए 164 के तहत दोनों के बयान दोबारा दर्ज करवाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए दोनों के बयान कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज होंगे। इन बयान पर आरोपी के खिलाफ तैयार केस में दारोमदार रहेगा। इसके लिए दोनों के बयानों के दौरान क्राइम ब्रांच के अफ सर शामिल रहेंगे। पूरी जांच पीएचक्यू में तैनात एक एडीजी रैंक की महिला अफसर की मॉनिटरिंग में हो रही है।
मासूम की घटना के बाद पुलिस ने मेडिकल करवाने में विलंब किया गया था। उसके बाद भी मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के अतिसंवेदनशील अंग में चोट होने की पुष्टि के बाद आरोपी के खिलाफ के रजिस्ट्रर्ड किया गया था। पुलिस को मासूम के शरीर के अतिसंवेदनशील अंग के आसपास के कुछ नमूने लेकर जांच के लिए मेडिकल लैब में भेजे हैं। उस रिपोर्ट में पॉजिटिव आने के बाद आरोपी का डीएनए कराने या न कराने पर फैसला लिया जाएगा।
पुलिस को किड्जी स्कूल के सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को कोई खास मदद नहीं मिल पा रही है। पुलिस को दस दिन के फुटेज उपलब्ध करवाए गए हैं। क्राइम ब्रांच सौंपे गए सीसीटीवी फुटेज स्कूल संचालक की ओर से उपलब्ध करवाए गए थे। कोलार पुलिस ने अपने स्तर पर सीसीटीवी फुटेज जब्त करने की कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। सीसीटीवी में घटना क्राइम ब्रांच को आरोपी के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं।
एडीजी महिला सेल अरूणा मोहन राव के निर्देश के बाद जिला पुलिस ने कोलार के पूर्व उपनिरीक्षक थाना प्रभारी गौरव बुंदेला के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता की मां की शिकायत पर तत्काल सुनवाई नहीं की है। गौरतलब है कि उनको मंगलवार रात आईजी के निर्देश के बाद तत्काल प्रभाव से लाइल अटैच कर दिया गया था।
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