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खाद्य-नागरिक आपूति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा रबी विपणन वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ का भंडारण केन्द्रों पर ही उपार्जन करने का तय किया गया है। शुरूआत में ऐसे उपार्जन केन्द्र जो भण्डारण केन्द्र के नजदीक हैं और जिनके गोडाउन परिसर में शिफ्ट करने पर किसानों को कोई दिक्कत नहीं है, को लिया जायेगा। इस संबंध में उपार्जन केन्द्र और गोडाउन की मेपिंग करने के लिये कलेक्टर्स को कहा गया है। विभाग द्वारा गोदाम स्तर पर इस वर्ष 404 उपार्जन केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
विभाग द्वारा कलेक्टर्स को कहा गया है कि परिवहन व्यय में बचत और गेहूँ की गुणवत्ता में अधिक सुधार करने के उद्देश्य से गोदाम-स्तर पर गेहूँ उपार्जन करने का निर्णय लिया गया है। सभी कलेक्टर अपने जिले में भंडारण की कुल क्षमता और गेहूँ के उपार्जन के लक्ष्य को ध्यान में रख खरीदी केन्द्र से गोदामों की मेपिंग करेंगे। जहाँ पर गोदाम पर खरीदी केन्द्र बनाये जा सकते है वहाँ पर अधिकतम 15 किलोमीटर की परिधि में स्थित समितियों को सम्बद्ध किया जायेगा।
भंडारण व्यवस्था के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि स्ट्रील सायलो में भी खरीदी केन्द्र स्थापित कर गेहूँ का उपार्जन और भंडारण करवाया जाये। स्टील सायलो में 15 किलोमीटर की परिधि में समितियों से पूर्ण सायलो का भंडारण नहीं हो पाता है तो जिला समिति अन्य समितियों को सम्बद्ध करने के लिये युक्ति संगत प्रस्ताव देगी।
कलेक्टर्स को कहा गया है कि गोदाम में खरीदी केन्द्र स्थापित करने के संबंध में प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित शासकीय गोदामों का समूह बनाया जाये और उनकी मेपिंग की जाये। इस व्यवस्था के बाद भी अतिरिक्त भंडारण क्षमता की आवश्यकता है तो निजी गोडाउन जो डब्ल्यू.डी.आर.ए. से पंजीकृत हैं अथवा प्रदेश शासन स्तर से वेयरहाउस लायसेंसधारी गोदाम संचालक से निर्धारित सुविधाओं के परीक्षण के बाद ही खरीदी केन्द्र स्थापित किये जाये।
यह स्पष्ट किया गया है कि गोदाम की भंडारण क्षमता 2000 मीट्रिक टन होना चाहिये। गोदाम परिसर में तुलाई-भराई, पैकिंग और वाहन पार्किंग के लिये खाली जगह हो। गोदाम परिसर तक आने-जाने का बारहमासी सड़क होना चाहिये। गोदाम परिसर में अन्य व्यवस्थाओं के साथ कार्यालय कक्ष कम्प्यूटर और इन्टरनेट की सुविधाओं से लैस होना चाहिये, गोदाम में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे होना चाहिये। इन तमाम सुविधाओं के होने पर जिला स्तर पर गठित कमेटी ऐसे निजी गोदाम संचालक जो ज्वाईंट वेंचर स्कीम के तहत उपार्जन केन्द्र स्थापित करने की सहमति देता है उस पर विचार किया जायेगा। विभाग द्वारा सभी कलेक्टर को गोदाम स्तर पर खरीदी केन्द्र स्थापित करने का न्यूनतम लक्ष्य दिया गया है।
आयुक्त खाद्य श्री फैज अहमद किदवई ने बताया कि वे रबी फसल उपार्जन के लिये की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लेने संभाग स्तर पर समीक्षा बैठक करेंगे। सभी संभाग के कलेक्टर्स और संबंधित अधिकारियों को बैठक की तारीख बता दी गई है। बैठक में किसानों की पंजीयन की स्थिति, गेहूँ के रकबे की स्थिति, खरीदी केन्द्रों पर आवश्यक व्यवस्थाओं को करने के संबंध में की गई कार्यवाही उपार्जन केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक तौल काँटे आदि की व्यवस्था की भी समीक्षा होगी। बैठक में गेहूँ के भंडारण और एफएक्यू गुणवत्ता गेहूँ का उपार्जन करने के लिये आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की जायेगी।
संभागीय समीक्षा बैठक 25 फरवरी को सागर और 28 फरवरी को जबलपुर कलेक्ट्रेट में होगी। सतना कलेक्ट्रेट में रीवा और शहडोल संभाग की एक मार्च को, ग्वालियर कलेक्ट्रेट सभागार में, ग्वालियर और चम्बर संभाग की बैठक 4 मार्च को होगी। इन्दौर में 7, उज्जैन में 8, भोपाल में 15 और होशंगाबाद कलेक्ट्रेट में 16 मार्च को समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा होगी।
राज्य शासन ने भंडारण की नीति जारी कर दी है। इसमें खाद्य निगम द्वारा सीधे उपार्जन केन्द्रों से गोदाम में भंडारण किया जायेगा। प्राथमिकता में यह सबसे पहला क्रम होगा। इसके बाद उपार्जन केन्द्रों और मंडियों से भारतीय खाद्य निगम सीधे गेहूँ प्राप्त करेगा। भारतीय खाद्य निगम द्वारा पीईजी गोदामों को मेपिंग में प्राथमिकता में लेकर इन गोदाम में उपार्जन केन्द्र खोले जाना है। सेन्ट्रल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा स्वयं के गोदामों की सूची के अनुसार प्राथमिकता तय कर उपार्जन केन्द्र खोले जायेंगे।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता को देखते हुए अधिक उपार्जन वाले जिलों से कम उपार्जन वाले जिलों के लिये कम से कम तीन माह की भंडारण व्यवस्था करने के लिये न्यूनतम दूरी और दर के आधार पर परिवहन योजना तैयार की जायेगी।
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