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कोलार की तीन लाख की आबादी पानी के लिए टैंकरों के भरोसे है। जनप्रतिनिधियों के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। मार्च के अंत तक रहवासियों को पर्याप्त पानी मिलना मुश्किल है। गर्मी का सीजन शुरू होने जा रहा है। एक बार फिर पानी के लिए मारामारी होगी। आलम यह है कि अभी से एक डिब्बा पानी के लिए घंटों कतार में लगना होता है । दूसरी और नगर निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस समस्या से बेफिक्र नजर आ रहे हैं।
गर्मी के आगमन के साथ ही कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों की लंबी कतारें लगना प्रारंभ हो गर्इं हैं। हालात यह हैं कि कोलार पाइप लाइन में लीकेज से पानी भरने के लिए देर रात तक रहवासी भटकते नजर आ रहे हैं। उधर नगर निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधयों ने समस्या हल करने सामूहिक बैठक करने की जहमत तक नहीं उठाई है।
पार्षद अपने-अपने वार्डों तक ही सीमित हैं। उन्हें क्षेत्र की जनता की समास्या से कोई सरोकार नहीं हैं। वह सिर्फ अपने समर्थकों को खुश में लगे हुए हैं। उन्होंने टैंकर बढ़ाने का प्रस्ताव नगर निगम अधिकारियों के पास नहीं भेजा है।
क्षेत्र के दामखेड़ा ए सेक्टर, बी सेक्टर, अब्बास नगर, सर्वधर्म सी सेक्टर, कान्हा कुंज, दानिश कुंज, गणपति इन्क्लेब, गेंहू खेड़ा, राजहर्ष कॉलोनी समेत दो दर्जन से अधिक स्थानों पर पानी की किल्लत देखी जा सकती है।
केरवा डेम से मिलने वाले पानी की आस इस मार्च के अंत तक पूरी होने की संभावना नहीं हैं, क्योंकि केरवा प्रोजेक्ट का काम अभी अटक गया है।
जोन 18 के जोनल अधिकारी शैलेश चौहान ने कहा क्षेत्र में पानी की समस्या को टैंकरों को भेज हल की जा रही है। हर झुग्गी बस्ती में टैंकर भेजा जा रहा है। टैंकरों की संख्या में इजाफा होगा। इसके लिए पत्र लिखा गया है।
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